जिला करागार के डा. शमशुल हक को जेल के मुलाकातीयों की भिड़ ने घेर लिया। डा. साहब ने किसी प्रकार पास ही बनी पुलिस की चैकी पर जाकर जान बचाई। जिस मेें डा. साहब की लापरवाही से सजा याफ्ता कैदी की मृत्यु का होना बताया जाता हैं। इस संबंध में मृतक के परिजनों का कहना है कि घटना घटित होने के पहले मृतक कैदी दवा लेने जेल के चिकित्सक के पास गया था। उसके सीने मंे दर्द था। पर डाक्टर ने उसे भगा दिया। यह बात पैरोल पर आए उसके पुत्र ने बताई। कुछ और बंदियों के परिजन वहां पर मौजूद थे। सभी ने शिकायत स्वरूप डाक्टर साहब के विषय मंे बताया। घेराव में घिरे डाक्टर साहब चैकी के अंदर बैठे रहे। कोतवाली पुलिस जानकारी मिलने पर डा. साहब को सीएमओें कार्यालय ले गई। घटना के संबंध में जेल अधीक्षक संतलाल ने पूरे मामलें की जांच का आश्वासन दे रहे है इस बावत डाक्टर साहब का कहना है जब वह जेल जा रहे थे अपनी ड्यूटी करने के लिए तो बेनीगंज के हृदय के शिकार सालिंगराम के परिजन जेल में बंद सालिंगराम की पत्नी मुन्नीदेवी और मुकेश के साथ परिजन सालिंगराम की अंतिम क्रिया हेतु जो पैरोल पर साढ़े चार घंटे की छुट्टी पर गए थे इन लोगों ने सीने के दर्द समुचित चिकित्सा न उपलब्ध करने पर मौत का कारण बताया। सभी संबंधी आक्रोशित होकर डा. साहब का घेराव किया। जब कि डाक्टर साहब इन ओरापों का पूरी तरह से खंडन कर रहे है जेल बंदी कासिमपुर थाना के एक बंदी ने बताया कि दवाई मांगने पर हमारी (पुतान सिंह) की पिटाई। क्योकिं पुतान सिंह वह आरोपी है जो डाक्टर साहब की रिश्तेदार की हत्या का आरोपी बना। कैदी पुतान सिंह सहित दर्जनों मामलों में मुलाकातियों ने कुछ न कुछ आरोप लगाए। कुछ का तो जेल अधीक्षक संतराम जानकारी होना स्वीकार कर रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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