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राज्य सरकार डाॅ0 वाई0एस0 सचान की मृत्यु के समस्त पहलुओं की गहनता से छानबीन कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध-माननीया मुख्यमंत्री जी

Posted on 24 June 2011 by admin

  • प्रकरण में लापरवाही बरतने के लिए प्रथम दृष्टया जिम्मेदार जेलर, डिप्टी जेलर, प्रधान बंदी रक्षक एवं दो बंदी रक्षक निलम्बित
  • जुडीशियल मजिस्टेªट ने प्रकरण के समस्त  पहलुओं की जांच प्रारम्भ की
  • पांच डाक्टरों के बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया गया तथा  पूरी प्रक्रिया की निरंतर वीडियोग्राफी कराई गई

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहा है कि राज्य सरकार डाॅ0 वाई0एस0 सचान की मृत्यु की घटना के समस्त पहलुओं की गहनता से छानबीन कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस घटना को लेकर विरोधी दलों द्वारा की जा रही बयानबाजी तथा सरकार पर आरोप लगाये जाने के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि विरोधी दल तथ्यों की जानकारी किये बिना सरकार पर आरोप लगाने लगते है। उन्होंने कहा कि विरोधी दलों ने भट्टा-परसौल एवं लखीमपुर के मामले में भी रेप के आरोप लगाये थे।  इस सम्बन्ध में मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में यह आरोप सत्य नहीं पाया गया और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने किसी महिला/बच्ची से रेप के आरोप को खारिज कर दिया है।

मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह ने आज एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकारों से वार्ता के दौरान यह जानकारी देते हुए कहा कि डाॅ0 सचान की मृत्यु पर राज्य सरकार ने गम्भीर रूख अपनाते हुए इस प्रकरण में लापरवाही बरतने के लिए प्रथम दृष्टया जिम्मेदार जेलर श्री जे0पी0श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर श्री सुनील कुमार सिंह, प्रधान बंदी रक्षक श्री बाबू राम दुबे एवं बंदी रक्षक श्री अनिल कुमार त्रिपाठी व श्री रामनरायन तिवारी को निलम्बित कर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है।

श्री सिंह ने कहा कि डा0सचान के शव का पंचायतनामा मजिस्ट्रेट द्वारा परिवार की उपस्थिति में किया गया तथा पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। शव के पोस्टमार्टम के लिए 5 डाक्टरों का एक बोर्ड गठित किया गया तथा निरंतर वीडियोग्राफी कराते हुए पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया सम्पन्न की गई। डाक्टरों द्वारा शव का विसरा सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान परिवार के सदस्य मौजूद रहे। जिनमें डा0सचान का एक डाक्टर भाई भी सम्मिलित था।

मंत्रिमण्डलीय सचिव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के शरीर पर कुल 9 चोटें पायी गयीं। 8 चोटें धारदार हथियारों से थीं, जिसमें 2 गर्दन पर, 2 दाहिनी कोहनी पर, 2 बायीं कोहनी पर, एक दाहिनी जांघ के ऊपरी हिस्से पर, एक बायीं कलाई पर थीं। इसके अतिरिक्त गले में एक फन्दे का निशान गर्दन के चारों ओर था। अधिक रक्तस्राव से मृत्यु हुई। मृत्यु पोस्टमार्टम होने से एक दिन के अन्दर हुई थी।

श्री सिंह ने कहा कि डाॅ0 सचान की मृत्यु के समस्त पहलुओं की बारीकी से जांच के लिए मा0 जिला जज से जुडीशियल मजिस्ट्रेट नामित करने का अनुरोध किया गया और जुडीशियल मजिस्टेªट द्वारा जांच प्रारम्भ कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि 05 अप्रैल, 2011 को श्री राजेन्द्र सिंह, संयुक्त निदेशक, महानिदेशालय परिवार कल्याण, लखनऊ की तहरीर पर डा0 वाई0एस0सचान सहित तीन व्यक्तियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार से सम्बन्धित मुकदमा पंजीकृत हुआ था। जिनमें उन तीनों की गिरफ्तारी तत्काल की गयी थी। इस सम्बन्ध में उन्होंने गत् 07 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस में समस्त तथ्य रखे थे।

श्री सिंह ने कहा कि पूछताछ के दौरान डा0वाई0एस0सचान ने बताया कि उनके द्वारा एन0आर0एच0एम0 के तहत सरकारी धन का फर्जी बिल वाउचर बनाकर गबन किया गया, जिसके अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध है। साक्ष्य संकलन के क्रम में गत् 8 अप्रैल व 13 अप्रैल को डा0सचान की पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकृत की गयी। दोनो बार उनके द्वारा सीने में दर्द की शिकायत किये जाने पर उन्हे बलरामपुर अस्पताल लाया गया। अस्पताल से ही पुलिस कस्टडी रिमांड का समय समाप्त होने पर जेल भेज दिया गया, जिसके फलस्वरूप उनसे पूछताछ संभव नही हो पाई।

मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि 10 जून, 2011 को पुनः डा0 सचान को 24 घंटे के पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर, उनसे की गयी पूछताछ में डा0 सचान ने बताया था कि उनके द्वारा एन0आर0एच0एम0 में किये गये घोटाले को लेकर डा0बी0पी0सिंह उनके पीछे पड़े थे। इससे वे काफी तनाव व दबाव में आ गये व 29 मार्च, 2011 को सिविल अस्पताल में भर्ती होने गये थे। परन्तु कुछ समय बाद ही उन्हे अस्पताल से इलाज के पश्चात छुट्टी दे दी गयी।

श्री सिंह ने कहा कि डा0बी0पी0सिंह हत्याकांड के सम्बन्ध में तीन व्यक्तियों को 17 जून, 2011 को एस0टी0एफ0 द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इस सम्बन्ध में उसी दिन प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से मीडिया को सारे तथ्यों की जानकारी देते हुए यह भी बताया गया था कि इन लोगों ने पूछताछ के दौरान डा0बी0पी0सिंह की हत्या में अपनी संलिप्तता को स्वीकार की थी और पुलिस को यह भी बताया कि डा0सचान के कहने पर ही डा0सिंह की हत्या की घटना को इन लोगों ने अंजाम दिया था।

मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि गिरफ्तार अभियुक्तों के बयान के आधार पर 20 जून को डा0सचान का बयान जेल में जाकर लेने हेतु अनुमति माननीय न्यायालय से मांगी गई थी। प्रार्थना स्वीकृत होने के पश्चात 21 जून को जेल में जाकर डा0सचान का बयान अंकित किया गया। 22 जून को डा0सचान की पुलिस कस्टडी रिमांड हेतु आवेदन किया गया। इस सम्बन्ध में आज माननीय न्यायालय में सुनवाई होनी थी। उन्होंने कहा कि जेल महानिरीक्षक ने 22 जून को बताया कि परिवार कल्याण के सी0एम0ओ0 डा0बी0पी0सिंह की हत्या के आरोपी डिप्टी सी0एम0ओ0 डा0सचान जिला जेल के अस्पताल के प्रथम तल के बाथरूम में मृत हालत में मिले। जेल अधीक्षक एवं जेल डाक्टर ने बताया कि डा0सचान के सम्बन्ध में जानकारी तब हुई, जब जेल अस्पताल में डा0सचान गिनती के दौरान अनुपस्थित पाये गये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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