कोतवाली थाना क्षेत्र के चैहान थोक निवासी सुरेश चंद्र 45 वर्षीय खेती बाड़ी करके परिवार चला रहा था। उसके पास साढे़ सात बीघा कृषि योग्य भूमि थी। उसकी पत्नी रानी ने बताया कि तीन साल पहले उसके पुत्र सोनू का पैर खराब हो गया था। उसके इलाज के लिए उसके पति सुरेश सांडी रोड निवासी जय सिंह से पचास हजार रूपए बतौर कर्जा लिया था। उसके एवज में उसके पति ने ढ़ाई बीघा खेत का एग्रीमेंट किया कि अस्सी हजार रूपए की लागत पर खेत का बैनामा रूपए देने वाले जय सिंह के नाम करेगा। परंतु शर्त के मुताबिक उन्होंने बैनामा नहीं करवाया। खेत की कीमत बढ़ जाने के बाद जय सिंह ने दवाब बनाया और फिर पुलिसिया कार्रवाई करके प्रताड़ित कर रहा था। सदर चैकी के सिपाही पिता की अनुपस्थिति में भाई सोनू का एक दिन ले जा रहे थे। परंतु इस आश्वासन के बाद छोड़ गए कि सोनू के पिता को चैकी भेज दिया जाएगा। इस बावत तेरह जून को उन्होंने कोतवाली शहर में शिकायत भी दर्ज कराई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इधर वह बराबर हम माह ब्याज का पैसा जय सिंह को भुगतान कर रहा था। मंगलवार की शाम को फिर वहीं सिपाही आए और सुरेश को धमकाया तथा बैनामा करने पर जोर दिया। परेशान सुरेश ने जहर खा लिया। परिजन उसे आनन फानन में अस्पताल लेकर के जहां उसकी मृत्यु हो गई। कोतवाली इंचार्ज यूपी सिंह इस संबंध में कोई भी जानकारी होेने से इंकार कर रहे है। और मामले की जांच का आश्वासन भी दे रहे है। यूपी सिंह कह रहे है जो कोई पुलिस कर्मी गया था उस दोषी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर जिला पुलिस पहले ही मामलें को गंभीरता से लेती तो शायद सुरेश की जान नहीं जाती। पुलिस प्रताड़ना ही उसकी जान देने की वजह बना। सुरेश अपनी पुत्री सोनी की शादी करना चाहता परंतु पुत्र की बीमारी से ऊपर वह कर्जे से भी परेशान था। अब कैसे होगी उसकी बिटियां की शादी, इस घटना से परिवार और परिजन बदहवास है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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