सुलमानपुर - राष्ट्रीय कोरी/ कोली समाज संगठन शाखा की आपात बैठक जिला परिषद मार्केट में हुई। बैटक की अध्यक्षता आर पी सिंह कोरी मण्डल ने की। संचालन संदीप कोरी ने किया। बैठक के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक फैजाबाद हुबराज कोरी ने सम्बोधित करतेेहुए कहा कि हमें इतिहास में बताया गया है कि जिसकी पहचान एवं हक समाप्त करना हो उसका नाम लेना बन्द कर देना चाहिए उसका सब कुछ समाप्त हो जायेगा।
श्री कारी ने आगे बताया कि हजारों वर्षेंो से अखण्ड भारत का कोरी कोली जिसकी प्राचीनतम इतिहास में एक विशेष स्तर की पहचान अंकित रही हो, जिसका नाम और काम विश्व के इतिहास में आज भी स्वर्णिम अक्षरों में रह रहा हो उस समाज को 1760 ईशा पूर्व में विदेशी आर्यों ने आक्रमण व छल-बल व कपट के जरिये उसे दास बनाया उनके बाद जब भारत में हिन्दू संस्कृत पूण रूप से लागू कर लिया तब इन्हीं आर्यों ने इन्हीं कोरी ,कोलियों को विभाजित करके वैश्य , शूद्र , अनत्यादि आदिवासी बनाया। जब मुगलों का आक्रमण भारत में हुआ तो जिनका शासन काल 800 वर्षो तक रहा तब कोई हिन्दू मुस्लिम दंगा नहीं हुआ। लेकिन हमें गुलाम दर गुलाम बनाते हुए इन्हीं में से मुस्लिम जुलाहा, रंगरेज, दर्जी, धुनिया, धोबी आदि भी मुस्लिम धर्म स्वीकार कराने के बावजूद बंटवारा कर दिया। श्री कोरी ने ऐसी बहुत सी बाते बैठक में बताईं जो कोरी समाज से सम्बन्धित थी। अन्त में श्री कोरी ने कहा कि देश व प्रदेश का कोरी कोली अपनी पहचान फिर से नहीं बनायेगा तब तक इसकी दशा दिशा में सुघार आने वाला नहीं है। वर्तमान में आने वाले चुनाव इस प्रदेश का बहुसंख्यक कोरी कोली समाज किसी के बहकावे में न आवे तो इस प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों में भी बृहद संख्या में समाज के लोग भारी पैमाने पर राष्ट्रीय कोरी समाज के साथ जुड़ जायेगा वरना कोरी समाज अपने अधिकार से हाथ धो बैठेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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