कैम्प कार्यालय वंशीनगर मे आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठ उमेश जी ने कहा कि योगगुरू बाबा रामदेव ने जो ख्याति प्राप्त की वह असाधारण थी। आज उनकी योग्यता का दुनिया लोहा मानती है। उन्होंने विलुप्त हो रही योग की शिक्षा का परचम उत्तराखंड में ही नहीं पूरे देश व विदेश लहराया जो अतिसराहनीय व अद्भुत कार्य था। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंदियों तक पहुचातें हुए उन्होंने जो कदम उठाए वह एक योगगुरू के लिए अशोभनीय था। यदि उन्हें यह सब करना ही था तो आध्यात्म की तर्ज पर वह ये सबकुछ कर सकते थे परंतु बाबा जी यह भूल गए। सरकार उनकी मांगो पर पूर्ण रूप से विचार कर ही रही थी कि उन्होंने अपने आंदोलन को उग्र करते हुए भारतीय संविधान को ताक पर रखकर प्रशासन से नोकझोंक भी की जिसका ताजा उदाहरण है कि गत दिनों दिल्ली के रामलीला ग्रांउड पर चल रहे अनशन के दौरान बाबा जी के रवैय सेे आशंकित सरकार ने दिल्ली को बंधक होने से बचाने के लिए प्रशासन का सहारा लेकर उन्हें वहां से हटाया। परंतु बाबा व उनके समर्थक क्या साबित करना चाहते थे कि सरकार के मंत्री और दिल्ली जैसा शहर क्या दवाब में कैसे बंधक हो सकता है। वहीं बाबा के 11 हजार नवयुवकों को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा देने के प्रयोजन ने यह साफ कर दिया है कि वे किसी भी हद का जा सकते है। इससे साफ जाहिर होता है कि एक योगगुरू की आकांक्षाओं और लोभ का दमन न होना यह राष्ट्र के लिए हितकर नही होगा। ऐसे में वह भड़काऊ बयानबाजी कर स्वयं एक राष्ट्रभक्त होते हुए भी राष्ट्रद्रोही होने का प्रमाण वह स्वयं दे रहे है। इसमें कौन दोषी है सरकार या बाबा, यह आने वाला समय ही बातएगा। इतना धन होने के बावजूद आकांक्षाओं का अंत अभी तक न हुआ जिसका परिणाम स्वास्थ्य का गिरना, योगी शरीर जो दूसरों के हित के लिए बना था आज स्वयं कष्टों से युक्त है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष कीर्ति प्रकाश अवस्थी, अशोक सिंह लालू, घनश्याम श्रीवास्तव, जफर कलीम, सरला सक्सेना आदि लोग मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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