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‘‘आइए साथ चलें पर्यावरण के लिये’’

Posted on 07 June 2011 by admin

mr-ds-mishra-principal-secऽ ज्योति इन्वायरो, नगर निगम और सीएण्डडीएस (जल निगम) के संयुक्त तत्वावधान में विशाल पर्यावरण पद यात्रा का आयोजन।
ऽ श्री डी एस मिश्रा, प्रमुख सचिव, नगर विकास ने झण्डी दिखाकर किया पर्यावरण पद यात्रा का शुभारम्भ।
ऽ यात्रा का उद्देश्य लखनऊ नगर को साफ-सुथरा, सुन्दर और पर्यावरण मुक्त रखने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जनता की सहभागिता सुनिश्चित करना।
ऽ पर्यावरण पद यात्रा में दो हजार से अधिक लोंगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

jyoti-envirotech-_pआज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर के0 डी0 सिंह बाबू स्टेडियम से जी0 पी0 ओ0 तक एक पद यात्रा ‘‘आइयें साथ चले पर्यावरण के लिये’’ का आयोजन किया गया। इसका आयोजन ज्योति इन्वायरो, नगर निगम और जल निगम के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। प्रमुख सचिव, नगर विकास, डी0 एस0 मिश्रा ने झण्डी दिखाकर कार्यक्रम की शुरुवात की। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर डी0 एस0 मिश्रा ने लोगों से अधिक से अधिक पौध रोपण कर पर्यावरण संरक्षण करने की अपील की।

इस अवसर पर ज्योति इन्वायरो के चरणजीत सिंह साहनी ने कहा कि इस पद यात्रा का उद्देश्य लखनऊ नगर को साफ-सुथरा, सुन्दर और पर्यावरण मुक्त रखने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जनता की सहभागिता सुनिश्चित करना है। अब यह साफ तौर पर नजर आने लगा है कि ग्लोबल वाॅर्मिग, पर्यावरण के संतुलन और जलवायु परिर्वतन के कारण प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। ये आपदायें पहले की तुलना में ज्यादा विनाशकारी साबित हो रही है। पर्यावरण में बदलाव गरीबी और विकास से जुड़े मुद्दों पर प्रभाव डाल रहा है और इसकी वजह से भुखमरी भी फैल सकती है। दुनिया के कई इलाकों में आंधी-पानी, बाढ़, तूफान और जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही है। विज्ञान की तमाम उपलब्धियों के बावजूद भूकम्प और सुनामी जैसी प्राकृतिक उपायों द्वारा इनके दुष्परिण्म को कम अवश्य किया जा सकता है।

इस ‘‘आइयें साथ चले पर्यावरण के लिये’’ यात्रा में दो हजार से अधिक लोंगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया जिसमें बच्चें, महिलायें, नगर के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा ज्योति इन्वायरो, के बलबीर सिंह मान, सतपाल सिंह सहित पूरी टीम उपस्थित रही, नगर निगम से पी के श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त व आर एन पाल और जल निगम के अधिकारीगण शामिल थे।

पर्यावरण में बदलाव से मानव जाति को नई-नई समस्याओं से दोचार ( जूझना ) होना पड़ रहा है और इसका खतरा दिनप्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जनता-जर्नादन को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिये ही 1973 में पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। इसके बाद अब पूरी दुनियां में हर 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस की नींव 1972 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेम्बली द्वारा रखी गयी थी।

पूरा विश्व आज पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है और इसके दुष्प्रभाव मानव जाति पर निरंतर बढ़ते ही जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि इसकी शुरूआत ‘‘जापान में सुनामी’’ से हो चुकी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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