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ग्रामीण इलाकों में पहली जुलाई से 14 घण्टे बिजली आपूर्ति के निर्देश

Posted on 03 June 2011 by admin

भट्टा परसौल में सम्पत्ति की क्षति की भरपायी होगी
माननीया मुख्यमंत्री जी ने भूमि अधिग्रहण की राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए किसानों सेे दिल्ली जाकर अनुशासित तरीके से केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने की अपील की

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने प्रदेश के किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए समस्त जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह की 22 तारीख को प्रातः 10ः00 से 12ः00 बजे तक जिला मुख्यालय पर बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के निस्तारण हेतु पूरी तरह सजग एवं संवेदनशील हैं और जो अधिकारी/कर्मचारी उनकी समस्याओं के समाधान में रूचि नहीं लेंगे, उनकी जवाबदेही तय करते हुए कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंनेे भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित मामलों में किसानों पर दर्ज मुकदमों का एक सप्ताह में परीक्षण कर उन्हें वापस लेने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री जी यह निर्देश तब दिये जब आज विधान भवन स्थित तिलक हाल तथा इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य सरकार के निमंत्रण पर प्रदेश के कोने-कोने से आये किसान प्रतिनिधियों के साथ सम्पन्न किसान पंचायत के निष्कर्षों से वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री चैधरी लक्ष्मी नारायण तथा ठाकुर जयवीर सिंह, मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह तथा मुख्य सचिव श्री अनूप मिश्र ने उन्होंने अवगत कराया।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि 01 जुलाई 2011 से ग्रामीण क्षेत्रों को 14 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जायेगी। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक निजी नलकूप हेतु जितने बी0एल0 फार्म प्राप्त हो चुके हैं, सभी को सामान्य योजना की भांति कनेक्शन इसी वर्ष दे दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 15 प्रतिशत सुपरवीजन चार्जेज जमा करने पर विभागीय स्टीमेट के अनुसार किसान स्वयं अपने नलकूप का ऊर्जीकरण करा सकता है। उन्होंने कहा कि अनियमित रूप से निजी नलकूप का कनेक्शन चलाने वाले किसान एक बार में छः माह पूर्व का सामान्य दर पर बिलराशि जुर्माने के रूप में जमा करने पर कनेशन नियमित कर दिया जायेगा, लेकिन संशोधित धनराशि आदि जमा करना होगा।

मुख्यमंत्री जी ने किसानों की खाद-बीज, बिजली, सिंचाई, गेहंू खरीद, सड़क आदि से सम्बन्धित विभिन्न समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर करने निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने किसानों की भूमि पर गैस पाइप लाइन डालने व विद्युत हाई-टेन्शन लाइन निकाले जाने की दशा में जिलाधिकारियों को आर्बीटेªटर के रूप में सम्बन्धित संस्था से वार्ता कर उन्हें समुचित मुआवजा दिलाये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपने सीमित आर्थिक संसाधनों के बावजूद बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गेहूं खरीद में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं होनी चाहिए तथा किसानों को उनकी उपज के वाजिब मूल्य का समय से भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने गन्ना किसानों की समस्याओं तथा गन्ना मूल्य भुगतान के मामलों का निपटारा शीघ्र किये जाने के निर्देश दिये।

इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने सुबह तिलक हाल में किसान पंचायत का शुभारम्भ किया और एक-एक किसान से सीधी बातचीत करके उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और सम्बन्धित अधिकारियों को इनके समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिये।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कोने-कोने से आये किसान प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये सुझावों के मद्देनजर उनकी सरकार भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेगी, जो भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित फैसले लिए जाएंगे उससे किसानों की जायज समस्याओं का काफी हद तक समाधान हो जायेगा। उन्होंने पुनः दोहराया कि उनकी पार्टी व सरकार किसानों के पूरी तरह साथ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है और आजादी के बाद से अब तक प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग सोचते थे कि उन्होंने जिन लोगों को जिताकर प्रधानमंत्री बनाया, वे समाज के हर वर्ग, खासतौर पर किसानों के हितों का विशेष ध्यान देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि उनकी पार्टी चैथी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आयी है इसके पहले तीन बार की स्थितियां भिन्न थी। उन्होंने कहा कि चैथी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने के बाद उन्होंने प्रदेश में विभिन्न कारोबार में लगे लोगों की समस्याओं का गम्भीरता से अध्ययन किया और अपने सीमित संसाधनों से समस्याओं के समाधान के लिए हर सम्भव प्रयास किया। उन्होंने कहा कि किसानों की विभिन्न समस्याओं में से भूमि अधिग्रहण की एक गम्भीर समस्या है। उनकी सरकार ने इन समस्याओं के समाधान के लिए पूरा ध्यान दिया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने उत्तर प्रदेश के लोगों की विभिन्न समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा केन्द्र की सत्ता में रहीं पार्टियों की सरकारों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 40 साल तक जो पार्टी सत्ता में थी उसने यहां के लोगों के रोजी-रोटी की समस्या की समाधान के लिए कुछ नहीं किया। इसीलिए यहां के लोग रोजी-रोटी के लिए दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े महानगरों में पलायन के लिए मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि जो लोग बच गये वे खेती पर निर्भर रहे। उनमें से भी कई लोग किसानों के खेतों में मजदूरी का कार्य करते रहे। इस प्रकार किसान अपने साथ-साथ ऐसे लोगों का पेट भी पालते रहे।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि उनका मानना है कि किसानों को उनकी उपज का अगर ठीक से दाम नहीं मिलेगा तो किसान मजदूरों को मजदूरी नहीं दे पायेंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिये थे कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से इनकी गरीबी और बेरोजगारी दूर करने में काफी हद तक सफल भी रहे। इसके अलावा किसानों को खाद, बीज, सिंचाई की सुविधा तथा बिजली की उपलब्धता के लिए जो समस्याएं थीं, उनके समाधान के लिए काम किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के हित में जो महत्वपूर्ण कार्य किये हैं, उनकी पूरी जानकारी किसानों को नहीं है। उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता से ग्रसित कुछ लोग किसानों एवं प्रदेश की जनता तक सही जानकारी पहुंचाने में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास करते रहते हैं। इसके अलावा समय-समय पर अपनी सरकार के मंत्रियों खासतौर से चैधरी लक्ष्मी नारायण, ठाकुर जयवीर सिंह तथा अधिकारियों को निर्देश देती रहीं हैं कि किसानों से नियमित रूप से मिलकर उन्हें राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाये गये कदमों की जानकारी दें एवं इसके साथ ही उनकी समस्याओं को पूरी गम्भीरता से सुनकर उसका समाधान सुनिश्चित करें और आवश्यकता पड़ने पर उनकी कठिनाइयों से उन्हें ( मुख्यमंत्री जी को) अवगत करायें, ताकि उनका निराकरण प्राथमिता पर किया जा सके।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि जहां तक भूमि अधिग्रहण का मामला है इस बारे में सत्ता में आते ही उनकी हार्दिक इच्छा थी कि प्रदेश स्तर पर ऐसी नीति बनायी जाए, जिससे किसानों का कोई नुकसान न हो और जमीन को लेकर वे बेरोजगार और बेघर न होने पायें। उन्होंने कहा कि इस दौरान बीच-बीच में खबरें आती रहीं कि केन्द्र सरकार जल्द ही भूमि अधिग्रहण के मामलें में राष्ट्रीय नीति लेकर आ रहा है, लेकिन जब इसमें एक-दो साल गुजर गये तो वर्ष 2010 में हमनें करार नियमावली के तहत भूमि अधिग्रहण नीति बनायी, जिससे किसानों को काफी हद तक लाभ मिला। इसके बावजूद किसानों की दिक्कतें पूरी तरह दूर नहीं हुई। तत्पश्चात उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो नीति है उससे किसानों को काफी लाभ नहीं हो रहा है। इसलिए ऐसी नीति बनायी जाये जिससे किसानों को लाभ हो।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भट्टा परसौल की घटना में दो सिपाही तथा दो अन्य लोग मारे गये तथा डी0एम0, एस0एस0पी0 समेत पुलिस के लोग घायल हुए। इसके बाद भी अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिया कि किसानों की सम्पत्ति को जो नकुसान हुआ है उसकी भरपाई सरकार को जरूर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना में कुछ लोग पकड़े गये जिनके सम्बन्ध में उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो बेकसूर है और कानून-व्यवस्था खराब करने में शामिल नहीं थे, उन्हें रिहा कर दिया जाय तथा दोषियों के खिलाफ कार्यवाई की जाये। उन्होंने भट्टा परसौल के लोगों को भरोसा दिलाया कि उनकी सम्पत्ति को पहंुचे नुकसान की भरपायी जरूर होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि अधिग्रहण पर किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करें तथा प्राप्त सुझावों पर आज ही निर्णय ले लिया जाये। इस सम्बन्ध में वे केन्द्र सरकार का और इंतजार नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में बी0एस0पी0 पूरी तैयारी के साथ पूरे देश के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए काम करेगी। उन्होंने किसानों सेे अपील की कि वे दिल्ली जाकर अनुशासित तरीके से केन्द्र सरकार पर राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए दबाव बनाये। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी व सरकार इस मामले में किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामले में लिये गये फैसले के कारण केन्द्र सरकार को भी वैसी ही पाॅलसी बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

सुश्री मायावती जी ने इस अवसर पर दिवंगत किसान नेता चैधरी महेन्द्र सिंह टिकैत को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिये गये फैसलों का स्वागत सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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