अभियंताओं ने वार्षिक मरम्मत अनुबंधों में चालीस गुना से अधिक की वृद्धि कर सरकार को लगायी भारी चपत
लोक निर्माण विभाग में करोड़ों के घपले का मामला उजागर हुआ है। अभियंताओं ने शासनादेश को धता बताकर वार्षिक मरम्मत अनुबंधों में चालीस गुना से अधिक की वृद्धि कर सरकार को भारी चपत लगायी है। एसई ने अधिकार से बाहर जाकर निर्माण कार्य मंजूर कर कुर्सी की भी परवाह नहीं की। उन्हें मात्र 15 फीसदी वृद्धि का ही अधिकार था। लेकिन उन्होंने इससे कई गुना अधिक वृद्घि की है।
जनपद की तहसील जलालाबाद में करोड़ों की हेराफेरी का यह मामला सामने आया है। यहां सड़क निर्माण का जिम्मा निभाने वाली लोक निर्माण विभाग की निर्माण खंड -प्रथम शाखा के अभियंताओं ने 11 सड़कों की वार्षिक मरम्मत के लिए एक-एक लाख के अनुबंध स्वीकृत किये थे। राज्य सड़क निधि का बजट आने पर चहेते ठेकेदारों के इन्हीं अनुबंधों को चालीस गुना विस्तार दे दिया जबकि सरकार को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ दिलाने के लिए निविदा प्रकाशन जरूरी था।
आपसी सांठगांठ के चलते एक्सईन के प्रस्ताव को एसई कार्यालय से भी आनन-फानन में 2.31 करोड़ के निर्माण कार्याे को स्वीकृत दे दी गई जबकि प्रमुख अभियंता के सर्कुलर के मुताबिक एसई को अनुबंध के निर्माण लागत में सिर्फ 15 प्रतिशत वृद्धि का ही अधिकार है। इससे अधिक की लागत आने पर शासन द्वारा गठित विशेष तकनीकी समिति से अनुमति लेना जरूरी है। इस मामले में मुख्य अभियंता तक को किसी भी बात की खबर नहीं लगने दी गयी।
इस करोड़ों के घपले के का खुलासा तब हुआ जब लेखाधिकारी आरएम लाल ने नियमों के विरुद्ध स्वीकृत निर्माण कार्याे के भुगतान पर रोक लगा दी जिससे अभियंताओं से लेखाधिकारी की काफी नोंक झोंक हुई। इस पर लेखाधिकारी को कार्रवाई की भी धमकी दी गई। इससे लोनिवि के सभी लेखाधिकारी लामबंद हो गये और मामला शासन तक पहुंच गया। मुख्य अभियंता ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
वहीं कोलाघाट सड़क निर्माण में भी मतभेद सामने आ रहे है। कोलाघाट पुल के पास एक किमी तथा 7 किमी पर बाढ़ से सड़क का कटान हो गया था। जिसमें एसआरएमडी के तहत दोनों जगह 17 से 18 लाख की लागत से मरम्मत कार्य कराया गया। इसी बीच शासन से राज्य सड़क निधि का बजट आ गया। अभियंताओं ने राज्य सड़क निधि के बजट को हजम करने के लिए दोबारा सड़क निर्माण के प्रयास शुरू कर दिये। इस मामले में भी लेखा और अभियंताओं के बीच मतभेद उभरने लगें। जिलाधिकारी के द्वारा स्वीकृत मुतिहासा सम्पर्क मार्ग के एक, दो व तीन किमी पर एसआरएमडी के तहत 36 लाख की लागत से काम कराया गया। अब तीन किमी पर राज्य सड़क निधि से पुनरू निर्माण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
लोनिवि की निर्माण खंड-1 शाखा के अधिशासी अभियंता खुशनुद अली ने निर्माण कार्य में किसी भी तरह की धांधली से इंकार किया है। सभी 11 निर्माण अनुबंधों के विस्तार की अनुमति एसई से ली गई थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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