पुलिस कप्तान के आदेश बेअसर, तीन माह से बेटी के लिए भटक रही है मां
परिवार सहित पीड़ित महिला ने शुरू की भूख हड़ताल
तीन महीने से एक अभागिन मां अपनी मासूम आठ वर्षीय बच्ची की तलाश करने के लिए आला अफसरों की चैखटों को चूमती घूम रही है। मगर किसी भी अधिकारी से उसको न्याय नहीं मिला। पुलिस कप्तान जब दो बार दिये जा चुके प्रार्थना पत्र के बावजूद भी थाना आरसी मिशन पुलिस पर जूं नहीं रेंगी। महिला ने जिन लोगों पर अपनी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया पुलिस ने उन्हें थाने लाकर छोड दिया। हार थक कर पीड़ित महिला कलेक्ट्रेट में भूख हड़ताल पर बैठ गयी है। उसका कहना है कि जब तक उसकी बेटी नहीं मिलेगी तब तक हम बैठे रहेंगे। चाहें मेरे प्राण क्यों न चले जाये।
थाना रामचंद्र मिशन के मोहल्ला चमकनी गाढ़ीपुरा निवासी जगदीश कनौजिया की पत्नी लक्ष्मी कनौजिया अपने पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट में भूख हड़ताल पर बैठी है उसने कहा कि उसका पति मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। पीड़ित दलित महिला ने बताया कि मेरी आठ वर्षीय पुत्री रानी 13 मार्च को दोपहर लगभग साढे तीन बजे घर के बाहर खेलते समय गायब हो गयी। काफी प्रयास के बावजूद भी उसका कोई पता नहीं चला तो 14 मार्च को उसने थाना आरसी मिशन में सूचना दी जहां उसकी पुलिस ने एक न सुनी। उसके बाद उसने 18 मार्च को पुलिस कप्तान के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बेटी की तलाश कराने की गुहार की। उसके बाद उसने सीओ सिटी, अपर पुलिस अधीक्षक व आरसी मिशन थाने के सम्पर्क में रह उसने कुछ संदिग्ध लोगों के नाम पते पुलिस को बताये। मगर उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों को लाकर थाने में बिठाया और छोड दिया उसके बाद से उसकी दुश्मनी और अधिक बढ गयी है। पकडे गये लोग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे है। 16 अप्रैल को इन लोगों ने शराब पीकर चढाई कर दी और गाली गलौच की। इसकी सूचना महिला ने तुरंत थाने के एक दरोगा को दी। पुलिस ने फिर भी सुनी की अनसुनी कर दी। उसने कहा कि मेरा परिवार असुरक्षित है लोग उसके परिवार को मारने की धमकियां दे रहे है। 18 अप्रैल को वह दोबारा पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत हुई जिसमें उसने सीबीसीआईउी या किसी उच्च अधिकारी से पुत्री का पता लगाने की गुहार लगाई। उसके बाद 24 अप्रैल को वह फिर पुलिस कप्तान कार्यालय पर पहुंची मगर उसकी फरियाद फिर भी नहीं सुनी गयी। पीड़ित महिला का बच्ची के बिना रो-रोकर बुरा हाल है। उसने कहा कि संवेदन शून्य होकर मां की ममता व उसके दर्द को समझने वाला अब कोई नहीं है। उसके पास मात्र एक रास्ता बचा और वह अपने पूरे परिवार के साथ अपनी पुत्री का पता लगवाने के लिए कलेक्ट्रेट पर भूख हड़ताल पर बैठ गयी है। उसने कहा जब तक पुत्री का पता नहीं लगेगा तब तक हम भूख हड़ताल से नही हटेगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com