घरों में बधाईयां मांग कर अपना जीवन चलाने वालेे किन्नरों ने अब नया फंडा अपना लिया है । अब वह ताली तो ठोेकते है साथ में सीना जोरी से ट्रेनों में यात्रियों की जेब से रूपये जर्बदस्ती निवलवा लेते हैं। इनसे यात्री परेशान हैं। इनके आगे आरपीएफ व जीआरपी भी असहाय है नजर आ रही है।
घरों में होने वाले शुभ कार्याे में बधाइयां देकर नाचने गाने वाले किन्नरों ने अब अपने काम का तरीका बदल दिया है। ट्रेन में चलने वाले इन किन्नरों ने अपनी स्टेशन की सीमाएं व ट्रेनें बांध ली है। लम्बी दूरी की ट्रेनों में भी चलने वाले यह लोग बधाई के नाम पर रुपये ऐंठते हैं। रुपये न देने पर यह लोग ट्रेन की बोगी के अंदर यात्रियों से अभद्र व्यवहार करते हैं और अश्लील हरकत पर उतारु हो जाते हैं। सफर के दौरान यदि नवविवाहित युगल मिल जाएं तो इनकी बांछे खिल जाती हैं। जब कोई यात्री इसका विरोध करता है तो किन्नर मारपीट पर उतारु हो जाते हैं। इनके आगे आरपीएफ जीआरपी असहाय हो गई है। टीटी का चेकिंग स्टाफ टीम इनसे रेलवे टिकट मांगने की जरूरत नहीं समझता है। जबकि एक आम नागरिक की बिना टिकट में रसीद काट देते हैं।
बीते साल किन्नरों ने ट्रेन की एक बोगी में रुपये वसूलने के नाम पर यात्रियों के साथ मारपीट की थी। जनपद के तिलहर रेलवे स्टेशन के पास किन्नर चेन पुलिंग कर भाग गए। उधर, गार्ड ने कंट्रोल को बताया था कि ट्रेन में बदमाशों ने लूटपाट की। जब ट्रेन शाहजहांपुर में रोकी गई तो पता चला कि बदमाश नहीं किन्नर थे। किन्नरों की हरकतों से यात्री परेशान हैं।
इस बाबत जब आरपीएफ कम्पनी कमांडर एसआर त्रिपाठी से बात की गयी तो उनका कहना है कि किन्नरों के खिलाफ यदि किसी प्रकार की कोई शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिर भी इस मामले को देखा जाएगा। इतना कह कर मामले को टालने की कोशिश की और घटना को मामूली कह कर नजर अंदाज कर दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि या तो इतना महीना बंधा है या फिर हिस्सा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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