मजहबी आरक्षण की देवबंद के कुछेक विद्वानों की मांग पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि मजहबी आरक्षण की मांग संविधान विरोधी है, अलगाववादी है। देश उसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेगा। भाजपा शुरू से ही मजहबी आरक्षण की मांग के विरूद्ध है। मजहबी आरक्षण की मांग को देश की संविधान सभा ने 1949 में ही खारिज कर दिया था। सरदार पटेल ने संविधान सभा में कहा था कि मजहब आधारित आरक्षण का कोई औचित्य नहीं है। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी इसे खारिज कर दिया था। इसलिये इस मांग का कोई औचित्य नहीं है।
भाजपा का दृष्टिकोण साफ है कि वह मजहबी आरक्षण के खिलाफ है। कांग्रेस स्पष्ट करें कि वह पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल का रास्ता चुनती है या संविधान का विरोध करने वाले अलगाववादी तत्वों का।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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