Categorized | लखनऊ.

किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं केन्द्र और प्रदेश सरकार के लिए कलंक है

Posted on 20 May 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि बांदा के किसान प्रमोद तिवारी समेत कई अन्य किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं केन्द्र और प्रदेश सरकार के लिए कलंक है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बुंदेलखंड में पैकेज और हिसाब मांगने की सियासत कर रही कांगे्रस-बसपा के ढोंग से आहत होकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री और कांगे्रस महासचिव राहुल गांधी लगातार बुंदेलखंड के बारे में सर्वाधिक चिन्ता जता कर गरीब बेबस लोगों को धोखा दे रहे हैं।

प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी योजना में बरती गई खांमियां बुंदेलखण्ड में किसानों की मौत का कारण बन रही हैं। सरकार की कर्ज माफी योजना के तहत जिन किसानों ने कभी भी कर्ज की रकम का कोई हिस्सा वापस नहीं किया। उनका कर्ज सरकार ने माफ कर दिया। लेकिन जिन किसानों ने अपने कर्ज का आंशिक भुगतान वापस कर दिया वे ऋण माफी योजना से वंचित रह गए। आज ऐसे ही किसान साहूकारों और बैंकों का ऋण न अदा कर पाने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।

श्री पाठक ने कहा कि बांदा के कस्बा भदौसा में रहने वाले 38 वर्षीय प्रमोद तिवारी ने बैंक का कर्ज वापस न लौटा पाने से व्यथित होकर आत्मदाह कर लिया। इसके पूर्व प्रमोद के बड़े भाई ने भी लगभग दो दशक पहले इन्हीं हालातों में आत्महत्या की थी। इसीतरह पड़मई में तो जगप्रसाद तिवारी बड़ी जोत का किसान था। उसने भरी जवानी में फांसी लगा ली क्योंकि वहां फसल ठीक नहीं हुई और उस पर कर्ज का बोझ था। जबकि 9 मई को किसान छुटटू ने अपनी शादी के ठीक 3 दिन पहले आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या कर ली। अंथुआ विकास खण्ड महुआ, बांदा के किसान भैयादीन विश्वकर्मा द्वारा मवेशियों के आवास में आत्महत्या किए जाने की घटना ने लोगों को दहला दिया। बंुदेलखण्ड में किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाओं पर श्री पाठक ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड में किसान मर रहे हैं और सरकार संवेदनहीन बनी हुई है।

श्री पाठक ने कहा कि वास्तव में बंुदेलखंड की समस्या का मूल कारण भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा पत्ते सींचने से पेड़ बड़ा नहीं होता, जड़े सींचनी चाहिए। लेकिन कांगे्रस व बसपा सरकार के भ्रष्टाचार ने पूरे बुंदेलखंड में अपनी जड़े जमा ली हैं। यही वजह है रही कि जो पैसा बुंदेलखंड के  विकास के लिए खर्च होना चाहिए  था उसकी बंदरबाॅंट लखनऊ में दिल्ली तक बैठे लोगों के बीच में हो गई। श्री पाठक कहा कि कांगे्रस-बसपा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर बुंदेलखंड के लोगों की आॅंखों में धूल झोंक रहे हैं। केन्द्र व राज्य सरकारें बुंदेलखंड पर राजनीति करने के बजाय यदि बुंदेलखंड में कृषि को लाभकारी बनाए जाने की दिशा में कोई ठोस प्रयास करते तथा  सिंचाई, बिजली, पानी की व्यवस्था कराते तो बुंदेलखंड में किसानों को अपने पैरों पर खड़ा होने में सहूलियत मिलती।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in