भारतीय जनता पार्टी के आज कहा कि बसपा के चार साल के कार्यकाल में राज्य की जनता जार-जार कर रोई है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि 4 वर्ष में बसपा सरकार की पहचान अपराधियों व भ्रष्टाचारियों की सरकार के रूप में बनी है। सपा सरकार में प्रदेश में फैले अपराध के खात्मे के नाम पर राज्य की सत्ता पर काबिज होने वाली बसपा ने अपराधियों को संगठित गिरोह बनाकर उन्हें अपने दल में शामिल करा लिया और बसपा प्रमुख उनकी सरगना बन बैठी। सत्ता का दुरुपयोग कर बसपा ने लोकतंत्र का मजाक उड़ाया।
श्री पाठक ने कहा कि आज मुख्यमंत्री ने भी अपनी पे्रस वार्ता में स्वीकार किया कि कानून व्यवस्था सुदृढ़ कराने के नाम पर ही उनकी सरकार सत्ता में आई। लेकिन बसपा सरकार के शपथ ग्रहण के साथ मंत्री आनन्द सेन द्वारा एक युवती के साथ बलात्कार व हत्या तथा विधायक शेखर तिवारी द्वारा इंजीनियर मनोज गुप्ता की जघन्य हत्या किए जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह राजधानी में सीएमओ परिवार कल्याण डा0 बी0पी0सिंह की हत्या तक भी नहीं थम पाया। फिर भी मुख्यमंत्री दावा करती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सुद्ढ है।
श्री पाठक ने कहा कि बसपा शासनकाल में भ्रष्टाचार के मामले में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बसपा के सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला और शीर्ष स्तर पर ’डील’ होने के बाद ही काम होने की प्रक्रिया शुरू हुई। बसपा शासनकाल में बढ़ी लाभ दो लाभ लो की संस्कृति के परिणामस्वरूप ही वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हरिमिन्दर राज सिंह, फैजाबाद में इंजीनियर अनूप बाजपेई और मलिहाबाद में लेखपाल को मौत को गले लगाना पड़ा। भ्रष्टाचार में संलिप्तता उजागर होने के बाद अपने को कठघरे में खड़ा होत देखकर मुख्यमंत्री ने अपने दो-दो वरिष्ठ मंत्रियों के इस्तीफे लेकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि बसपा ने सत्ता में आने के बाद से ही बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने की नियत से किसानों की जमीनों का औने-पौने दामों पर अधिग्रहण कर उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया। टप्पल अलीगढ़, इलाहाबाद में करछना और अब गे्रटर नोयडा के भट्टा पारसौल में अधिग्रहीत भूमि का उचित मुआवजा न मिलने का विरोध कर रहे निरीह किसानों पर पुलिस पर बर्बरतापूर्वक बल प्रयोग कर उन्हें अपनी गोलियों का शिकार बनाया। बसपा सरकार में किसान बिजली, पानी, खाद, यूरिया के संकट से जूझते रहे। उन्हें उनकी उपज का भी उचित मूल्य नहीं मिल पाया लेकिन किसान हित से बेपरवाह राज्य सरकर की नजर उनकी बेशकीमती जमीन पर लगी रही।
श्री पाठक ने कहा कि बाॅंदा में शीलू निषाद, कानपुर में मासूम दिव्या, रमाबाईनगर की बंदना और हरदोई प्रियंका सहित कई ऐसा वीभत्स घटनाएं बसपा सरकार की कलंक हैं। प्रदेश में मासूम बच्चियों और महिलाओं की अस्मत बसपा से जुड़े लोगों ने लूटी और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बुंदेलखंड और पूर्वाचल में भूख व गरीबी से बेबस लोगों ने आत्महत्याएं की। बसपा सरकार में आमजन अपनी पीड़ा व समस्याएं लेकर दर-दर भटकते रहे लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। पूरा प्रशासनिक तंत्र सरकार के इशारे पर नाचता रहा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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