उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहा है कि यदि केन्द्र सरकार संसद के आगामी सत्र में भूमि अधिग्रहण का नया कानून पारित नहीं कराती, तो ऐसी स्थिति में बहुजन समाज पार्टी संसद का घेराव कर केन्द्र सरकार को नया कानून बनाने के लिए बाध्य करेगी। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर देश के विभिन्न प्रदेशों में विवाद/समस्यायें आती रही हैं, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सभी लोगों द्वारा प्रदेश में शान्ति बनायी रखे जाने की अपील करते हुए कहा कि निहित राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित कार्यवाहियों पर जनता कोई ध्यान न दे। प्रदेश सरकार किसानों एवं आम जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से सजग है एवं यदि शान्ति भंग करने हेतु कोई भी कृत्य किया जाएगा तो राज्य सरकार द्वारा उस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही की जाएगी। माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में सौहार्द्र का वातावरण बनाये रखते हुए यह अपील की गयी है कि ओछी राजनीति के लिए जनता को गुमराह न किया जाए।
उत्तर प्रदेश के मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह ने आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नवीन भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में विस्तृत कानून लाये जाने की घोषणा की गयी थी, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है। उन्होंने माननीया मुख्यमंत्री जी के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण का कानून एक केन्द्रीय कानून है। यदि कांग्रेस पार्टी इस कानून में कोई बदलाव करके किसानों के हित की बात करना चाहती है तो उसे ऐसा करने से किसने रोका है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नवीन भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी कानून न लाये जाने से विभिन्न प्रदेशों में भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित विवाद उठते रहते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित होती है और राज्य सरकारों को अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जहां तक भट्टा परसौल गांव की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का प्रश्न है, कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल तथा जनता दल (यूनाइटेड) जैसे विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा की जा रही राजनीति अत्यन्त निन्दनीय है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि इन दलों के नेताओं द्वारा आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर अन्य कोई मुद्दा हाथ में न होने के कारण स्थानीय लोगों को राज्य सरकार के विरूद्ध भड़काकर राजनीतिक रोटियां सेकने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि भट्टा परसौल में भूमि अधिग्रहण को लेकर कोई विवाद नहीं है। यहां की भूमि करार नियमावली के तहत किसानों की आपसी सहमति से अधिग्रहीत की गयी थी, जिसका मुआवजा भी भू-स्वामियों ने प्राप्त कर लिया है। उन्होंने कहा कि भट्टा परसौल की भूमि करार नियमावली के तहत किसानों की आपसी सहमति से अधिग्रहीत की गयी थी। मार्च 2009 से अगस्त 2009 के बीच भट्टा गांव में 178 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गयी थी और उसका लगभग 120 करोड़ रूपये का मुआवजा किसानों में वितरित किया जा चुका है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसी प्रकार परसौल गांव में 260 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गयी, जिसका 180 करोड़ रूपये का मुआवजा किसानों में वितरित किया जा चुका है। इस प्रकार वर्तमान में भू-अधिग्रहण से सम्बन्धित कोई भी विवाद शेष नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा करार नियमावली के तहत किसानों की सहमति से ही भूमि अधिग्रहण की नीति लागू की गयी है। उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां करार नियमावली के तहत ही भूमि अधिग्रहण किया जाता है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो विपक्षी पार्टियां भूमि अधिग्रहण को लेकर ओछी राजनीति कर रही हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि बी0एस0पी0 सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए जो मुआवजा नीति घोषित की गयी है, वह देश के सभी विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों की तुलना में भू-स्वामियों को सबसे अधिक फायदा पहुंचाने वाली नीति है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों के नेता भट्टा परसौल में मनवीर सिंह तेवतिया जैसे कुछ लोगों को अपना मोहरा बनाकर कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करने का विफल प्रयास कर रहे हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने विपक्षी दलों के नेताओं से सवाल किया कि ये लोग उस समय कहां थे, जब राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों को बन्धक बनाया गया था। विपक्षी दलों के नेताओं को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि मनवीर सिंह तेवतिया जैसे अराजक तत्वों को पर्दे के पीछे से धन, अवैध असलहे एवं ताकत कौन उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों को इस बात का जवाब भी देना चाहिए कि जब भट्टा परसौल में अराजक तत्वों ने अवैध असलहों से जिलाधिकारी पर गोली चलाकर उन्हें घायल कर दिया और उपद्रव के दौरान भारी गोली-बारी एवं पथराव में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी भी घायल हुए, यहां तक कि दो पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी, मगर कर्मचारियों को बन्धक बनाने और पुलिस के जवानों तथा प्रशासनिक अधिकारियों पर हुए हमले की बाबत इन विपक्षी दलों के नेताआंे ने निन्दा का एक शब्द भी क्यों नहीं कहा। इन्होंने इन अधिकारियों के विरूद्ध स्थानीय गुण्डों द्वारा किए गए इस कृत्य की निन्दा क्यों नहीं की।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि भट्टा परसौल की घटना के पीछे किन लोगों का हाथ था और यह कौन लोग हैं, जिन्होंने भोले-भाले स्थानीय लोगों को भड़काकर कानून को अपने हाथ में लेने के लिए उकसाया। उन्होंने कहा कि भट्टा परसौल की पूरी तरह शांतिपूर्ण स्थिति विपक्षी दलों के नेताओं को रास नहीं आ रही है, क्योंकि वह जानते हैं कि अगर जनता शांत रही तो उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का मौका नहीं मिलेगा।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि जहां तक कुछ विरोधी दलों के नेताओं द्वारा भट्टा परसौल गांव में जाकर यहां के लोगों को उकसाने की कोशिश करने की बात है, और उनके द्वारा यह दावा किया जाना कि उन्होंने धारा-144 के तहत लागू निषेधाज्ञा को तोड़कर गांव में भ्रमण किया, यह बात पूरी तरह से गलत एवं तथ्यों से परे है। चूंकि इस क्षेत्र की स्थिति सामान्य हो गयी थी, इसलिए स्थानीय प्रशासन द्वारा पहले से लगायी गयी धारा-144, 10 मई 2011 की रात 12ः00 बजे तक समाप्त हो गयी और इसे बढ़ाया नहीं गया था। श्री सिंह ने बताया कि इस सम्बन्ध में माननीया मुख्यमंत्री जी का कहना है कि यदि क्षेत्र में धारा-144 लगी होती तो कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न होता, उसके विरूद्ध कानून के अनुसार अवश्य ही कार्यवाही की जाती।
श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा भट्टा परसौल में जनसभा करने की अनुमति मांगी गयी थी। जिला प्रशासन द्वारा इस सम्बन्ध में आख्या प्राप्त की गयी और विभिन्न स्रोतों व अभिसूचना की आख्या के आधार पर यह संकेत प्राप्त हुए कि असामाजिक व आपराधिक तत्व इस जनसभा के दौरान आकर पूर्व की घटना की पुनरावृत्ति कर सकते हैं और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। अतः जिला प्रशासन द्वारा जनहित में पुनः धारा-144 लागू कर दी गयी है, जिससे कि कोई भी असामाजिक व आपराधिक तत्व मौके का फायदा उठाकर कानून-व्यवस्था या शान्ति बिगाड़ने का प्रयास न कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शान्ति बनाये रखे जाने के सम्बन्ध में कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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