दुग्ध क्रय एवं विक्रय मूल्य में संतुलन बनाये रखना आवश्यक -अवधपाल सिंह यादव
लगातार खराब प्रगति वाले जनपदों के अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश लक्ष्य के अनुरूप प्रगति न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अवधपाल सिंह यादव ने निर्देश दिये हैं कि दुग्ध क्रय एवं विक्रय मूल्य में संतुलन हरहाल में बनाए रखा जाय। उन्होंने कहा कि किसानों का शोषण किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को दिये जा रहे दुग्ध मूल्य में वृद्धि कर दुग्ध क्रय को बढ़ाया जाय, ताकि दुग्ध विक्रय के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही निजी क्षेत्र की डेरियों से मुकाबला किया जा सके।
श्री यादव आज यहाॅं पी0सी0डी0एफ0 के सभागार में दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कानपुर में निरंतर घट रही दुग्ध विक्री पर असंतोष व्यक्त करते हुए उसमें सुधार लाने की चेतावनी दी। बैठक में बताया गया कि कानपुर में 31 मार्च तक -19 प्रतिशत दुग्ध की बिक्री हुई थी जो निरंतर घटती जा रही है। अप्रैल में -30 प्रतिशत और 10 मई तक घटकर -35 प्रतिशत हो गई। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन अधिकारियों की प्रगति निरंतर खराब चल रही है उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाय और यदि फिर भी सुधार नहीं होता है तो उनके निलम्बन की कार्यवाही की जाय।
श्री यादव ने समस्त इकाई प्रभारियों को प्रतिदिन तरल दूध एवं दुग्ध पदार्थों की अधिकाधिक बिक्री करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी उप दुग्धशाला विकास अधिकारी ए0एम0सी0यू0 तथा वी0एम0सी0यू0 के मद में प्राप्त धनराशि के दुग्ध संघ में हुए डायवर्जन के संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध करायें। उन्होंने डी0आर0डी0ए0 की योजनाओं में स्वीकृत धनराशियों का भी सत्यापन कराने के निर्देश दिये।
दुग्ध उत्पादकों के लम्बित दुग्ध मूल्य भुगतान की समीक्षा में पाया गया कि कुछ इकाईयों द्वारा पाॅंच-पाॅंच सप्ताह विलम्ब से दुग्ध मूल्य का भुगतान किया जा रहा है। इस पर रोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह प्राथमिकता पर सर्वप्रथम किसानों/दुग्ध उत्पादकों के दुग्ध मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करें।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री अशोक कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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