प्रदेश सरकार द्वारा लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु ‘मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना’ संचालित की जा रही है। योजना के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 15.09 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है।
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में गत वित्तीय वर्ष की तुलना में 6.61 करोड़ रूपये का इजाफा किया गया है, जिससे 6000 नई इकाईयां स्थापित की जायेंगी। इन इकाईयों से 96000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 8.48 करोड़ रूपये से 5896 इकाईयाॅं स्थापित की गयीं और 70896 लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करना है। इस योजना के अन्तर्गत महिलाओं तथा आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों को अधिकतम 10 लाख रूपये ब्याज रहित ऋण के रूप में दिये जाने का तथा सामान्य वर्ग के पुरूष उद्यमियों को 4 प्रतिशत की दर से ऋण दिये जाने का प्राविधान है। पूर्व में यह सीमा 5 लाख रूपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 10 लाख रूपये प्रति इकाई कर दिया गया है। इस योजना की अवधि शासन द्वारा 31 मार्च 2015 तक बढ़ा दी गई है।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत शिक्षित बेरोजगार, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान/पालीटेक्निक द्वारा प्रशिक्षित अभ्यर्थी, ट्राइसेम व शासन की अन्य योजनाओं के अन्तर्गत प्रशिक्षित अभ्यर्थी, स्वरोजगार में रूचि रखने वाली महिलाएं एवं व्यवसायिक शिक्षा के अन्तर्गत ग्रामोद्योग विषय लेकर उत्तीर्ण अभ्यर्थी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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