भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय विधि एवं विधाई प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राघवेन्द्र सिंह ने आज पार्टी प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते
हुए कहा कि केन्द्र की संप्रग सरकार एवं कांग्रेस पार्टी की सरकार के तमाम घोटाले पिछले कुछ महीनों में जनता के सामने आए हैं। भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार के विरूद्ध संसद से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ रही है। 2-जी घोटाले ने पूरे देश की जनता को झकझोर दिया है। कामन वेल्थ घोटाले में दिल्ली की मुख्यमंत्री आरोपों के घेरे में है।
भाजपा की विधि एवं विधाई प्रकोष्ठ ने कांग्रेस की सरकार एवं केन्द्र की संप्रग सरकार द्वारा किए गए घोटालों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रदेशों में गोष्ठी, सेमिनार आयोजित किए हैं। इन सबसे जनता में जागरूकता बढ़ी है और वह भ्रष्टाचार के विरूद्ध खड़ी हो रही है।
प्रदेश सरकार भी भ्रष्टाचार में आकण्ठ डूबी हुई है। इसमें तमाम घोटाले भाजपा ने उजागर किए हैं। घोटालों पर सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। आज जो भी कार्रवाई घोटालों के प्रकरण में हो रही है वह न्यायालय के सक्रियता के कारण सम्भव हो सकी और इसमें अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। भाजपा विधि एवं विधाई प्रकोष्ठ के संयोजकत्व में अखिल भारतीय
अधिवक्ता कान्फ्रेन्स 15 मई को लखनऊ के सीएमस ओडिटोरियम कानपुर रोड, लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी करेंगे और समापन राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता श्री अरूण जेटली करेंगे। लार्यस कान्फ्रेन्स में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव तथा पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सतपाल जैन सहित अनेक जाने माने विधिवेता इसमें शामिल होंगे। इस सेमिनार में देशभर से 5000 अधिवक्ताओं के भाग लेने की उम्मीद हैं।
श्री राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि सेमिनार का विषय शासन की पारदर्शिता एवं न्यायिक व्यवस्था की समक्ष चुनौतियों हैं। गोष्ठी में प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही के अतिरिक्त प्रदेश के वरिष्ठ नेतागण भाग लेंगे। श्री सिंह ने कहा विधि एवं विधाई प्रकोष्ठ प्रत्येक जिले में सेमिनार एवं गोष्ठी आयोजित कर केन्द्र और प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार का पर्दाफास करेगी।
बसपा सरकार के शासन में उ0प्र0 में वकीलों का उत्पीड़न हो रहा है। इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ आदि जिलों में वकीलों को सड़कों पर बेरहमी से पीटा गया, उनके लोकतांत्रिक आंदोलनों को बेरहमी से कुचलने के लिए लाठीचार्ज कराती है। बसपा सरकार की मुखिया एवं कई मंत्री अधिवक्ता है। वावजूद इसके प्रदेश में अधिवक्ताओं के हित में सरकार ने कोई कार्य
नहीं किया बल्कि अधिवक्ता वेलफेयर फंड का भी भुगतान अधिवक्ताओं को नहीं हो रहा है। उ0प्र0 में न्यायालय परिसर असुरक्षित है। 23 नवम्बर 2007 को फैजाबाद, वाराणसी, लखनऊ में आतंकवादियों ने बम विस्फोट किए। सरकार केतत्कालीन प्रमुख सचिव जे0एन0 चैम्बर ने सुरक्षा के निर्देष दिए। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सुरक्षा के संदर्भ में कई बार बाई उठायी लेकिन आज तक राज्य सरकार ने कोई व्यवस्था नही की। सुरक्षा के उपकरण खराब पड़े हैं। आतंकवादियों के ट्रायल के मुकदमें भी चल रहे हैं। मुख्यमंत्री को पार्को, स्मारकों की सुरक्षा की चिन्ता है। वादकारियों, अधिवक्ताओं, न्यायमूर्तियों की सुरक्षा की चिन्ता नहीं। डा0 राजेन्द्र प्रसाद के जन्म दिवस 3 दिसम्बर को अधिवक्ता ’अधिवक्ता के दिवस’ के रूप में मनाते हैं। कई बार अधिवक्ता दिवस घोषित करने की मांग की गयी लेकिन 3 दिसम्बर को अधिवक्ता दिवस नहीं घोषित किया गया। हमारी मांग है कि 3 दिसम्बर को अधिवक्ता दिवस घोषित किया जाए। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर पार्टी की विधि एवं विधायी सेल द्वारा 15 मई को राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन आयोजित कर रही है। जिसमें देशभर के अधिवक्ता जुटेंगे। सम्मेलन अधिवक्ताओं की समस्याओं और चुनौतियों पर भी चर्चा होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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