भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने बसपा सरकार के कार्यकाल में सरकारी संरक्षण में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर तीव्र रोष व्यक्त किया है। डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सरकार के सरंक्षण में प्रदेश के अन्दर भ्रष्टाचार दिन दूना और रात चैगुना बढ़ रहा है। भाजपा 100 भ्रष्टाचारों की सूची दे चुकी तथा भाजपा चीनी मिलों की बिक्री में हुए घोटाले को उजागर कर चुकी है। इसके बावजूद सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बजाए इसे निरन्तर बढ़ावा दे रही है। डा0 मिश्र ने बताया कि प्रदेश के समाज कल्याण विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग की मिली भगत से छात्रवृत्ति के 22 करोड़ के घोटाले की जानकारी स्तब्ध करने वाली है। 392 ऐसे विद्यालयों को छात्रवृत्ति दी गई जिनका अस्तित्व ही नहीं है बल्कि वहां पर दुकाने या खण्डहर दिखाई दिये जाने की घटना से पूरा प्रदेश आश्चर्य चकित है। लगभग 700 स्कूलों को 5 से 7 गुना ज्यादा छात्र संख्या बढ़ाकर दिखाने से करोड़ों रू0 की लूट का खुला खेल खेला गया है। डा0 मिश्र ने कहा कि भ्रष्टाचार के इस मामले में विभागीय जांच से कुछ नहीं होने वाला बल्कि सीबीआई से यदि जांच करवाई जाये तो इस भ्रष्टाचार की जड़ में बड़े-बड़ों के नाम सामने आ जायेंगे।
डा0 मिश्र ने कहा कि इस भ्रष्टाचार के कारण ही सरकार के 7 मंत्री लोकायुक्त जांच के घेरे में हैं जिनमें से एक को हटाना पड़ा। इसी उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली सरकारी लूट का जरिया बन गई है। कमजोर, दलित और गरीबों का निवाला सरकार प्रायोजित भ्रष्टाचार के कारण निगल लिया गया है। गरीबों के लिए जारी सफेद, पीले और गुलाबी कार्ड का कोई मतलब नहीं रह गया है। हद तो इस बात की है कि प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री रामप्रसाद चैधरी के गांव तथा विधानसभा क्षेत्र में गरीबों के लिए आवंटित राशन, चीनी एवं तेल आदि की लूट मची हैं। डा0 मिश्र ने मांग की कि गरीबों के हित के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लूट का जरिया न बनने देकर उनकी हितों के लिए सुदृढ़ बनाई जायी। प्रदेश में भ्रष्टाचार को सरकारी संरक्षण प्राप्त होने से भ्रष्टाचार दिन दूना रात चैगुना बढ़ रहा है।
श्री मिश्र ने प्रदेश के राज्यपाल से मांग की है ऐसी भ्रष्ट सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की कार्रवाई करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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