लखनऊ - मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने गोरखपुर के औद्योगिक क्षेत्र बरगदवां में अंकुर उद्योग पर आज मजदूरों पर कम्पनी के गुंडों द्वारा की गई गोलबारी की कड़ी निंदा करते हुए कम्पनी के मालिक अशोक जालान समेत उसके गुंडों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। पीयूसीएल का कहना है कि गोरखपुर प्रशासन और स्थानीय सांसद योगी आदित्यनाथ मजदूर आंदोलन को बाहरी लोगों द्वारा भड़काने का आरोप लगातार लगाते हुए मजदूर आंदोलन को तोडंने की हर संभव कोशिश करते रहे हैं। ऐसे में इस पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाय।
पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि आज जिस तरह घटना के बाद मजदूर संगठन गोरखपुर के कमिश्नर के रवींद्र नायक से मिलने गए तो मजदूरों के नेता प्रशांत और तपिश से कमिश्नर ने उन पर बाहरी और मजदूरों को भडकाने का आरोप लगाया तो ऐसे में मजदूरों पर हुई इस गोलीबारी में प्रशासन की संलिप्तता उजागर होती है कि उसे गोलीबारी में घायल हुए मजदूरों से ज्यादा कम्पनी के खिलाफ चल रहे आंदोलन की चिंता है। पिछली एक मई को भी अखबारों में आए बयानों में कमिश्नर के रवीन्द्र नायक ने मजदूर नेता प्रशांत, प्रमोद और तपिश पर कड़ी कार्यवाई करने जैसे बयान दिए थे।
पीयूसीएल नेता राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि बाहरी और माओवाद का ठप्पा लगाकर स्थानीय सांसद और प्रशासन की मिलीभगत से मजदूर आंदोलनों को गोरखपुर में लगातार दबाया जा रहा है। अभी पिछले 10 अपै्रल को भी इसी तरह पुलिस ने बिगुल मजदूर दस्ता और टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन से जुडे़ दो मजदूर नेताओं तपीश मैन्दोला और प्रमोद कुमार को झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। इसके विरोध में थाने पर गए मजदूरों पर बुरी तरह लाठीचार्ज किया गया और थानाध्यक्ष से बात करने गए दो अन्य मजदूर नेताओं प्रशांत तथा राजू को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
दरअसल, पिछले कुछ समय से मजदूर ‘मांगपत्रक आन्दोलन-2011′ की तैयारी में गोरखपुर के मजदूरों की भागीदारी और उत्साह देखकर गोरखपुर के उद्योगपति बौखलाए हुए हैं। उद्योगपतियों और स्थानीय सांसद की शह पर लगातार मजदूरों के इस आन्दोलन के खिलाफ भड़काने की कोशिश की जा रही है और फर्जी नामों से बांटे जा रहे पर्चों-पोस्टरों के जरिए और जबानी तौर पर मजदूरों और आम जनता के बीच यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि यह आन्दोलन माओवादियों द्वारा चलाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पहले जब गोरखपुर के मजदूरों ने अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ने की शुरुआत की थी तभी से उद्योगपति-प्रशासन-स्थानीय सांसद का गठजोड़ उसे बदनाम करने के लिए इसी प्रकार का कुत्सा-प्रचार करता रहा है।
पीयूसीएल मांग करता हैं कि मजदूरों द्वारा आज की गोलीबारी के लिए जिम्मेदार जिन चार लोगों अशोक जालान, अंकुर जालान, प्रदीप सिंह और विश्राम यादव के खिलाफ एफआईआर किया गया है उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाय और प्रदेश सरकार इस गोलीबारी की घटना पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। क्योंकि मजदूर नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने इन चारों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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