हरदोई - बोर्ड परीक्षा की वैतरणी पार करने हेतु गुरू जी हो कैसे प्रसन्न कुछ उदाहरण ही काफी है। कुछ कापियों में शेरे और सायरी कुछ में प्रलोभन आफर बीस पचास सौ के नोट गुरू जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ में मां बाप की उम्मीदों में लिखा उनका बुढापा खराब हो जाएगा। उनका दिल टूट जाएगा। कुछ छात्राएं शादी टूटने की बात लिखती है। तो कुछ ने लिखा है कि गुरू जी सबकुछ तय हो चुका है अब परीक्षाफल हमारी शादी तोड़ देगा। इतने पत्थर दिल मत बनिएंगा आदि मुहावरें लिखे गए है। परंतु परीक्षकों के द्वारा पूर्ण निष्पक्षता के साथ मूल्याकंन सम्पादित हो रहा है। एक कालेज की परीक्षा की कापी से नोट भी निकले जिससे गुरूजनों ने अपने साथियों के साथ नास्ते का प्रबंध किया। इन सब विषयों पर डीआईओएस बीके दुबे ने उत्तर पुस्तिकाओं में इन तरीकों को भावनात्मक अपीलें करने की बात स्वीकार करते है परंतु अपीलों का परीक्षा के नियमों के साथ कोई खिलवाड़ नही हो रहा यह भी कहते है। उन्होंने कहा जांची गई उत्तर पुस्तिकाओं की मानीटरिंग भी होती है जिससें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी का सवाल ही नही पैदा होता।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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