लखनऊ- बसपा प्रवक्ता ने लखनऊ में स्वामी अग्निवेश द्वारा दिये गये उत्तर प्रदेश में संस्थागत भ्रष्टाचार संबंधी बयान को पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना और कोरी बयानबाजी की संज्ञा दी है। बसपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि देश में विभिन्न स्तर पर फैले हुए भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य से जब जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए सिविल सोसाइटी व केन्द्र सरकार की ओर से संयुक्त समिति का गठन किया गया, तो इसमें एक भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को इसका सदस्य बनने लायक नहीं समझा गया। इस पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह मांग की थी कि जन लोकपाल बिल के लिए गठित की गयी मसौदा समिति का पुनर्गठन करके इसमें अनुसूचित जाति के किसी एक व्यक्ति को जरूर प्रतिनिधित्व दिया जाए। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी की इस मांग की श्री अग्निवेश द्वारा आलोचना किया जाना उनकी घोर दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी का मानना है कि देश को आजादी मिलने के बाद देश जिस लोकतंत्र व धर्म निरपेक्षता के आधार पर बने हुए भारतीय संविधान के तहत चल रहा है, उसके मुख्य स्तम्भ अनुसूचित जाति वर्ग में जन्में परम पूज्य बाबा साहेब डाॅ0 अम्बेडकर थे। डाॅ0 अम्बेडकर ने अपनी पूरी दूर दृष्टि से हर मामले में देश को एक बेहतरीन संविधान दिया। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि श्री अन्ना हजारे जिस महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, वहीं से समाज में अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गाें के लोगों को सामाजिक व आर्थिक अधिकार दिलाने के लिए कई आन्दोलन किए गए हैं। आज उसको नकार देना इन लोगों की सदियों से चली आ रही घोर दलित विरोधी प्रवृत्ति को उजागर करता है।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने पहले ही कहा है कि उनकी पार्टी श्री अन्ना हजारे व देश के उन सभी संगठनों के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सराहना करती है क्योंकि इस मामले में बी0एस0पी0 इनसे पहले ही अर्थात अपनी पार्टी की स्थापना से ही भ्रष्टाचार के साथ-साथ राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ भी काफी जोर-शोर से आवाज उठाती रही है। उन्होंने कहा कि यह दोनों बीमारियां पूर्व की सरकारों से उनकी पार्टी को विरासत के रूप में मिली है। जिसे दूर करने में उनकी सरकार पूरी ताकत से लगी हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बसपा की सरकार भ्रष्टाचार के पूरी तरह से खिलाफ है और उसे समाप्त करने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश की सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले में कोई भी समझौता नहीं करती। बसपा प्रवक्ता ने भ्रष्टाचार के खातमें के लिए उत्तर प्रदेश में जन लोकपाल बिल लाने के सवाल पर कहा कि यहां पर भ्रष्टाचार के विरूद्ध कठोर एवं कारगर व्यवस्था पहले से ही स्थापित है। उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त जैसी संस्था अच्छा कार्य कर रही है और लोकायुक्त की संस्तुतियों पर भ्रष्टाचार के मामले में मंत्री तक हटाये गये हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सम्पूर्ण देश में पहला ऐसा राज्य है, जहां पर लोकायुक्त की संस्तुतियों के आधार पर मंत्री के खिलाफ कार्यवाही की गयी। उन्होंने कहा कि जघन्य अपराध करने वालों और कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है, चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न रहे हों। यहां तक कि पार्टी से जुड़े विधायक, सांसद और मंत्रियों की भी शिकायत मिलने पर त्वरित कार्यवाही की गयी है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि बसपा पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण के विरूद्ध हुआ था और यह पार्टी इन दोनों बुराइयों के खिलाफ अपनी स्थापना के समय से ही संघर्षरत है। बसपा प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार का जन्म राजनैतिक पार्टियों द्वारा धन्ना सेठों और पूंजीपतियों से चन्दा लिए जाने के कारण होता है। बसपा गरीबों की पार्टी है और उसकी सरकार की नीतियां देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कमरों में बैठकर नहीं तय की जाती। जैसा कि अन्य पार्टियों के कार्यकाल में होता रहा है। उन्होंने कहा कि बसपा अन्य पार्टियों की तरह पर्दें के पीछे छिपकर बड़े-बड़े उद्योगपतियों व धन्नासेठों से पैसा लेकर न तो अपनी पार्टी चलाती है और न ही चुनाव लड़ती है। उन्होंने कहा कि बसपा अपने कार्यकर्ताओं के आर्थिक सहयोग, समर्थन व संघर्ष के आधार पर ही अपने राजनैतिक और सामाजिक ग्राफ को ऊपर ले जाने में सफल हुई है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि बसपा सरकार सरकारी पैसे का पूरा-पूरा हिसाब रखती है और सभी विभागों में निर्धारित मानकों एवं वित्तीय नियमों का पालन करते हुए विकास कार्य कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी जानते है कि विधान सभा में बजट प्रस्तुत करते समय राज्य सरकार मदवार पूरा विवरण लिखित रूप से विधान सभा एवं विधान परिषद के माध्यम से जनता के सामने उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष में व्यय का पूरा लेखा जोखा रखते हुए आगे खर्च की जाने वाली एक एक पाई को बजट के माध्यम से पारित कराकर ही व्यय किया जाता है। ऐसे में धन के दुरूपयोग एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जाना न केवल हास्यास्पद है बल्कि अज्ञानता का भी परिचायक है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार या नियम विरूद्ध कार्यांे की शिकायत मिलने पर दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाती है।
बसपा प्रवक्ता ने समय-समय पर दलित वर्ग में जन्में सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों के आदर व सम्मान में निर्मित स्मारकों, संग्रहालयों, पार्कां एवं मूर्तियों आदि के सम्बन्ध में दिए गए बयान को इन महापुरूषों के प्रति असम्मानजनक और पूरी तरह दलित विरोधी बताया है। प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र और राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा जब इन सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों के आदर व सम्मान में अपनी दलित विरोधी मानसिकता के चलते स्मारक, संग्रहालय आदि निर्मित नहीं किए गए, तो उनकी सरकार ने इन सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों के आदर व सम्मान में स्मारक, संग्रहालय, पार्क एवं मूर्तियों की स्थापना करके उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया है और उनकी यादगार को चिरस्थायी बनाने का काम किया है। उन्होंने राज्य सरकार पर लगाये गये आरोप को आधारहीन एवं द्विग्भ्रमित करने वाला बताते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि इनकी स्थापना पर किया गया व्यय कुल बजट धनराशि के लगभग एक प्रतिशत से भी कम है। बजट की शेष 99 प्रतिशत धनराशि जनहित व विकास के कार्यां पर खर्च की गयी है।
बसपा प्रवक्ता ने कहा कि आम जनता को झूठे, गलत और तथ्यहीन प्रचार के झांसे में नहीं आना चाहिए। क्योंकि सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन की अलम्बरदार बसपा के कार्यकाल में भ्रष्टाचार को संस्थागत बताया जाना प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम को कमजोर किए जाने की घृणित साजिश है। इस प्रकार स्वामी अग्निवेश का बयान पूरी तरह गुमराह करने वाला, दुर्भाग्यपूर्ण और तथ्यों से परे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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