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जिलों में स्थापित किए गए गेहूं क्रय केन्द्रों पर गेहूं निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1120 रूपये प्रति कुन्टल की दर से खरीदा जा रहा है

Posted on 30 April 2011 by admin

गल्ला मण्डियों में किसानों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर गेहूं की खरीद पर मीडिया में आई खबर के सम्बन्ध में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि यह खबर पूरी तरह से असत्य एवं भ्रामक है। प्रवक्ता ने कहा कि रबी क्रय योजना वर्ष 2011-12 के अन्तर्गत राज्य के सभी जिलों में स्थापित किए गए विभिन्न एजेन्सियों के गेहूं क्रय केन्द्रों पर गेहूं निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1120 रूपये प्रति कुन्टल की दर से खरीदा जा रहा है। इसके साथ ही 50 रूपये प्रति कुन्टल की दर से बोनस भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को यह भुगतान एकाउन्ट पेयी चेक के माध्यम से किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने जिलाधिकारी, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर द्वारा प्रेषित जिले में खरीदे गये गेहूं की खरीद रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस जनपद में विभिन्न एजेन्सियों के कुल 39 क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 11 विपणन शाखा, 14 पी0सी0एफ0, 05 यू0पी0एस0एस0, 02 यू0पी0 एग्रो, 04 एस0एफ0सी0 एवं 03 क्रय केन्द्र कर्मचारी कल्याण निगम के अनुमोदित हैं। वर्तमान में इनमें से 38 क्रय केन्द्रों पर खरीद की जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि जनपद छत्रपति शाहूजी महाराज नगर में प्रत्येक केन्द्र पर किसानों को गेहूं के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य रूपये 1120 प्रति कुन्टल के अतिरिक्त 50 रूपये प्रति कुन्टल बोनस के रूप में दिया जा रहा है तथा सारा भुगतान एकाउन्ट पेयी चेक के माध्यम से कराया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी किसान द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम में गेहूं खरीदे जाने की शिकायत कहीं भी सत्य नहीं पाई गई है। विभिन्न एजेन्सियों द्वारा गेहूं खरीद केन्द्र स्थापित करके किसानों का गेहूं तेजी से खरीदा जा रहा है और उनका देय भुगतान भी तुरन्त एकाउन्ट पेयी चेक के माध्यम से किया जा रहा है। लखनऊ,:ः। बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि 2-जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच के मामले में बी0एस0पी0 ने संसद की लोक लेखा समिति में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 की केन्द्र सरकार का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने इस सम्बन्ध में बी0जे0पी0 द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि महज राजनीतिक रोटियां सेंकने के इरादे से लोक लेखा समिति जैसी महत्वपूर्ण संसदीय संस्था के फोरम का दुरूपयोग कर भारतीय जनता पार्टी ने स्थापित संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी0 का स्पष्ट तौर पर मानना है कि 2-जी स्पैक्ट्रम घोटाले की तेजी से निष्पक्ष जांच हो। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बी0एस0पी0 कभी भी कोई समझौता नहीं करती। बी0एस0पी0 अपनी स्थापना से ही भ्रष्टाचार के साथ-साथ राजनीति में अपराधीकरण के खिलाफ भी काफी जोर-शोर से लगातार आवाज उठाती रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि लोक सेवा समिति के अध्यक्ष बी0जे0पी0 के एक वरिष्ठ सांसद हैं, जो एन0डी0ए0 सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इसलिए उनसे यह उम्मीद थी कि वे समिति द्वारा की जा रही 2-जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच में सही प्रक्रिया अपनाकर आदर्श संसदीय परम्परा को निभायेंगे। लेकिन समिति के अध्यक्ष ने ऐसा नहीं किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस सम्बन्ध में मीडिया के सामने बयानबाजी करने वाले बी0जे0पी0 के नेताओं को जनता के सामने सही तथ्य रखने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि जांच की ड्राफ्ट रिपोर्ट से जुड़े संलग्नक और गवाहों के बयान समिति के सदस्यों को क्यों नहीं उपलब्ध कराये गये। उन्होंने कहा कि लोक लेखा समिति के अध्यक्ष को यह सुनिश्चित कराना चाहिए था कि सभी सदस्यों को ड्राफ्ट रिपोर्ट के साथ ही यह समस्त बयान/अभिलेख पर्याप्त समय पहले उपलब्ध करा दिए जाते, ताकि इनका गम्भीरतापूर्वक अध्ययन कर सुविचारित मत बनाते हुए मामले की तह तक पहुंचने में मदद मिलती। परन्तु जहां यह रिपोर्ट मीडिया में एक दिन पहले ही लीक कर दी गई, वहीं सदस्यों को आधी-अधूरी रिपोर्ट देकर उसी दिन सदस्यों से अंतिम रूप देने की अपेक्षा की गई, जिसका कोई औचित्य समझ में नहीं आता।
प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी0 की ओर से लोक लेखा समिति के अध्यक्ष से अनुरोध किया गया था कि सम्पूर्ण बयानों/साक्ष्यों सहित ड्राफ्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराकर उसके अध्ययन हेतु कुछ समय दिया जाए, जिससे कि उस पर सुविचारित मत दिया जा सके।
प्रवक्ता ने कहा कि ड्राफ्ट रिपोर्ट में केन्द्रीय मंत्रिमण्डलीय सचिव, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, सी0बी0आई0 निदेशक तथा एटाॅर्नी जनरल के बयान रिकार्ड किए जाने का उल्लेख किया गया है, जबकि इन लोगों के बयान दर्ज ही नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि बी0जे0पी0 को यह जानकारी भी जनता के सामने रखनी चाहिए कि लोक लेखा समिति में विचार-विमर्श के पूर्व ही ड्राफ्ट रिपोर्ट मीडिया में कैसे लीक हो गयी। उन्होंने कहा कि लोक लेखा समिति की 28 अप्रैल, 2011 की बैठक में ड्राफ्ट रिपोर्ट पर चर्चा होनी थी, लेकिन उसके प्रमुख अंश एक दिन पूर्व अर्थात 27 अप्रैल को इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनलों में और 28 अप्रैल की सुबह समाचार पत्रों की सुर्खियों में शामिल थे।
बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि लखनऊ में बी0जे0पी0 के राज्य कार्यालय के बाहर मार्ग पर बी0जे0पी0 के कुछ कार्यकर्ता आज प्रदर्शन कर आवागमन को बाधित कर रहे थे, जिस पर पुलिस द्वारा उन्हें उनके कार्यालय परिसर के भीतर भेजकर मार्ग का यातायात सामान्य कराया गया। उन्होंने इस सम्बन्ध में बी0जे0पी0 नेताओं द्वारा राज्य सरकार पर लगाये गये सभी आरोपों को निराधार एवं मनगढ़न्त बताते हुए कहा कि यह लोग मीडिया की सुर्खियां बटोरने के इरादे से इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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