सिटी मोन्टेसरी स्कूल के 10 से 17 वर्ष की आयु के छात्रों ने विश्व के 2 अरब से अधिक बच्चों के भविष्य एवं बाल अधिकारों की सुरक्षा हेतु आयोजित ‘ग्लोबल वोट-2011’ में बढ़चढ़कर भागीदारी की। इस अनूठी मतदान प्रक्रिया के तहत छात्रों ने ‘वल्र्ड चिन्ड्रेन्स प्राइज फाॅर द राइट्स आॅफ द चाइल्ड’ हेतु तीन प्रत्याशियों में से सबसे बेहतर प्रत्याशी का चुनाव किया। यह जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी हैं। श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. छात्र पिछले कई वर्षों से ग्लोबल वोट में प्रतिभाग करते आ रहे हैं।
इस वर्ष ‘‘वल्र्डस चिल्ड्रेन्स प्राइज फाॅर द राइट्स आॅफ आॅफ द चाइल्ड’’ हेतु नामित प्रत्याशी इस प्रकार हैं - (1) सीसिलिया फ्लोर्स ओएबैंडा, फिलीपीन्स, जिन्होंने चाइल्ड लेबर व ट्रैफिकिंग के विरुद्ध संघर्षरत हैं। (2) मोनीरा रहमान, बांग्लादेश, पीड़ित व शोषित बालिकाओं के उत्थान में संघर्षरत एवं (3) मुर्हाबाजी नेमगाबे, कांगो, जो बच्चों को जबरन सैनिक बनाए जाने व सैक्स सम्बन्धी अपराधों के प्रति संघर्षरत हैं। इस वल्र्ड प्राइज के संरक्षकों एवं आनरेरी व्यस्क मित्रांे में स्वीडन की महारानी सिल्विया व नेल्सन मंडेला आदि महान हस्तियां शामिल हैं।
इस ग्लोबल वोटिंग में पूरे विश्व के 101 देशों के 53,500 विद्यालयों के लगभग 24 मिलियन बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं। इस प्रतिष्ठित अवार्ड हेतु चयनित प्रत्याशी की घोषणा 26 अप्रैल को की जायेगी तथापि 28 अप्रैल 2011 को ग्रिपशोम पैलेस, मैरीफ्रेड, स्वीडन में आयोजित भव्य पुरस्कार वितरण समारोह में विश्व भर से पधारे बच्चों की उपस्थिति में स्वीडन की महारानी सिल्विया यह पुरस्कार प्रदान करेंगी।
‘वल्र्डस चिल्ड्रेन्स प्राइज फाॅर द राइट्स आॅफ आॅफ द चाइल्ड (डब्ल्यू.सी.पी.आर.सी.) बहुत कम समय में विश्व का सबसे बड़ा बाल अधिकारों का प्रजातान्त्रिक शिक्षा प्रोग्राम बन गया है। यह पुरस्कार बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने वाला एक सम्मानित पुरस्कार है। डब्ल्यू0सी0पी0आर0सी0 विश्व की बाल एवं युवा पीढ़ी की प्रभावशाली भूमिका को स्वीकारता है तथापि संयुक्त राष्ट्र के बाल सम्मेलन के अनुसार बाल अधिकारों को सर्वोपरि रखने हेतु प्रयत्नशील है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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