रबी खाद्यान्नों की खरीददारी के लिए खोले गये क्रय केन्द्र
एक शेड्यूल/राष्ट्रीयकृत बैंक से सम्बद्ध होंगे
अपरिहार्य परिस्थितियों में ही केन्द्रों पर एकल स्तर से चेक निर्गत करने की अनुमति होगी
उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी खाद्यान्नों की खरीददारी के लिए खोले गये क्रय केन्द्रों को किसी एक शेड्यूल/राष्ट्रीयकृत बैंक से सम्बद्ध करके वरिष्ठ/क्षेत्रीय लेखाधिकारी/सहायक क्षेत्रीय लेखाधिकारी को उस बैंक मंे चालू खाते खोलने के लिए अधिकृत किया है। कृषकों को उनकी उपज के विक्रय मूल्य का तुरन्त भुगतान किये जाने हेतु केन्द्रों पर तैनात विभागीय सक्षम कार्मिकों को प्राधिकृत किया गया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री नेतराम ने प्रदेश के समस्त सम्भागीय खाद्य नियंत्रकों को भेजे गये परिपत्र में दी है। परिपत्र में कहा गया है कि रबी क्रय योजना वर्ष 2011-12 के अन्तर्गत गेहूं की खरीद के उपरान्त गेहूं भारतीय खाद्य निगम को सम्प्रदान किया जायेगा। खरीदे गये रबी खाद्यान्नों के मूल्य का भुगतान सीधे कृषकों को करने तथा अन्य वित्तीय प्रक्रियाओं का समयबद्ध रूप से संचालन सुनिश्चित करने के लिये शासन द्वारा वरिष्ठ सम्भागीय लेखाधिकारियों/सहायक सम्भागीय लेखाधिकारियों को बैंकों में चालू खाते खोलने हेतु 7 दिनों की खरीद के लिए आवश्यक धनराशि आहरित करने के लिए अधिकृत किया गया है। ये अधिकारी आहरित अग्रिम के साथ-साथ बैंकों में अवशेष सम्पूर्ण धनराशि की खरीद योजना की समाप्ति के तुरन्त बाद अग्रिम समायोजन कर लेंगे।
परिपत्र में स्पष्ट किया गया है यदि इस चालू खाते में किसी समय अधिक धन की आवश्यकता हो तो संबंधित अधिकारी, केन्द्र प्रभारी एवं जिला खाद्य विपणन अधिकारी के निवेदन/औचित्य को देखते हुए चालू खाते में विगत 3 दिन के क्रय के समतुल्य अतिरिक्त धन की व्यवस्था करेंगे, लेकिन इसके लिए केन्द्र प्रभारी/जिला खाद्य विपणन अधिकारी पिछली खरीददारी के सभी लेखा एवं पेड बाउचर के साथ अतिरिक्त मांग का औचित्य भी प्रस्तुत करेंगे।
परिपत्र में कहा गया है कि यदि संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र के लिए आवंटित धनराशि को कम समझते हैं और खाद्यान्न के क्रय मूल्य के भुगतान की धनराशि की प्रतिपूर्ति करने पर भी अतिरिक्त धन की आवश्यकता अनुभव करते हैं तो ऐसी दशा में वे टेलीफोन/फैक्स के माध्यम से अतिरिक्त धन की मांग वित्त नियंत्रक से करेंगे और वित्त नियंत्रक द्वारा धन की तत्काल व्यवस्था की जायेगी। खाते में रखे गये धन के रख-रखाव का दायित्व संबंधित केन्द्र प्रभारी तथा ज्येष्ठ लेखा लिपिक का होगा किन्तु यदि किसी कारणवश ज्येष्ठ लेखा लिपिक उपलब्ध न हो तो किसी अन्य समूह ‘ग’ के कर्मचारी को अधिकृत किया जायेगा।
अपरिहार्य परिस्थितियों में ही केन्द्रों पर एकल स्तर से चेक निर्गत करने की अनुमति होगी। प्रत्येक खरीद में केन्द्र प्रभारी द्वारा अपने अधिकार सीमा के अन्तर्गत इन चालू खातों में रखे गये धन का उपयोग निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार खाद्यान्न मूल्य के भुगतान हेतु निर्धारित की गई व्यवस्था के अनुसार किया जायेगा। केन्द्र पर हैण्डलिंग ठेकेदारों को उनके द्वारा प्रस्तुत हैण्डलिंग कार्य के बिल के 50 प्रतिशत के भुगतान हेतु एकाउण्ट पेयी चेक जारी किया जायेगा।
परिपत्र में कहा गया है कि क्रय केन्द्रों से भुगतान किये गये बाउचरों की उत्तर सम्परीक्षा लेखा अनुभाग के क्षेत्रीय भुगतान कार्यालय द्वारा 48 घण्टे के भीतर की जायेगी। इसके अतिरिक्त जिला खाद्य विपणन अधिकारी सप्ताह में एक बार एवं सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी माह में एक बार समस्त क्रय क्रेन्द्रों का निरीक्षण करेंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि खरीद की मात्रा का स्टाक तथा उसकी क्वालिटी सही है, उसके रख-रखाव की समुचित व्यवस्था है और स्टाॅक सम्बद्ध योजना के अन्तर्गत भारतीय खाद्य निगम को डिलीवर किया जा रहा है।
केन्द्र प्रभारी एवं ज्येष्ठ लेखा लिपिक से दुरूपयोग अथवा अधिक भुगतान की गई धनराशि की वसूली के उद्देश्य से एक लाख एवं अंकन 20 हजार की फाइडेलिटी गारण्टी जमा कराने का दायित्व सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी का होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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