वर्तमान सेवा नियमावली में संशोधन लाना होगा, और यह एक नीति विषयक मामला है - के0के0सिन्हा
संग्रह अमीन जिन मांगों को लेकर सामूहिक भूख हड़ताल कर रहे हैं उन पर सरकार की सोच सकारात्मक है परन्तु यह एक नीति विषयक मामला है और इसमें समय लगेगा, क्योंकि इसके लिए वर्तमान सेवा नियमावली में संशोधन लाना होगा।
यह कहना है प्रमुख सचिव राजस्व एवं उ0प्र0 के राहत आयुक्त श्री के0के0सिन्हा का। उन्होंने कहा कि अभी तक जो व्यवस्था है उसके तहत सामयिक अमीनों के नियुक्ति प्राधिकारी उप जिलाधिकारी होते हैं और जब भी जरूरत पड़ती है इन्हें जिलाधिकारी स्तर से लगा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए इन्हें चाहिए कि ये अपनी समस्याओं का समाधान तहसील एवं जिला स्तर पर ही करायें और आवश्यकता पड़ने पर मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त से सम्पर्क कर लें। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर इन्हें आने की कोई जरूरत नहीं है।
श्री के0के0सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में लागू सेवा नियमावली के अनुसार 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से और शेष 50 प्रतिशत में से 33 प्रतिशत सामयिक संग्रह अमीनों के कोटे से तथा 15 प्रतिशत अनुसेवकों के कोटे से पदोन्नत होते हैं। उन्होंने बताया कि सामयिक संग्रह अमीन यह मांग कर रहे हैं कि 50 प्रतिशत सीधी भर्ती की व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाय, जो एक नीति विषयक मामला है। उन्होंने बताया कि सेवा नियमावली में संशोधन का प्रयास कराया जा रहा है और जब तक नियमावली में संशोधन नहीं हो जाता है, प्रदेश में जहां-जहंा जगह हो इन्हें वर्तमान नियमावली के अनुसार रखे जाने में कोई दिक्कत नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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