बहाई धर्म का प्रमुख पर्व ‘रिजवान’, जिसे बहाई समुदाय ईश्वरीय वसंतोत्सव के रूप में मनाता है, आगामी 21 अप्रैल से 2 मई तक धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जायेगा। यह जानकारी लखनऊ की प्रमुख बहाई अनुयायाी डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने दी है। डा. (श्रीमती) गाँधी ने बताया कि रिजवान पर्व बहाइयों के लिए विशेष महत्वपूर्ण एवं पवित्र है क्योंकि इन्हीं बारह दिनों के रिजवान काल में बहाई धर्म के संस्थापक-अवतार बहाउल्लाह का प्रकटीकरण हुआ था और बहाउल्लाह ने अपने आपको वैश्विक इच्छा के विस्तार के रूप में इस दुनिया में अवतरित किया। बहाउल्लाह ने घोषणा की थी कि उनके अवतार का सम्पूर्ण उद्देश्य विश्व के मानव मात्र की भलाइ, शान्ति एवं सुरक्षा के अलावा और कुछ नहीं है।
डा. (श्रीमती) गाँधी ने कहा कि भगवान बहाउल्लाह का मानना था कि मानवजाति की भलाई, सुरक्षा तथा शान्ति तब तक नहीं हो सकती जब तक उनमें पूर्ण एकता न स्थापित हो जाए। उन्होंने कहा था कि जब मानवजाति में एकता स्थापित हो जायेगी तभी सभी अवतारों, पैगम्बरों, संतो एवं कवियों की भविष्यवाणी सच साबित होगी। बहाउल्लाह ने असंगठित मानवता को एक कर एक नये समाज की संरचना की घोषणा की थी। डा. (श्रीमती) गाँधी ने कहा कि रिजवान बहाइयों का सबसे पवित्र त्योहार है क्योंकि इन बारह दिनों में विश्व भर के करोड़ों बहाई अनुयायी ईश्वर को अपना अवतार ‘बहाउल्लाह’ को इस धरती पर भेजने के लिए धन्यवाद देते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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