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आरक्षण नीति अतिदलितों व अतिपिछड़ों के हितों के विपरीत

Posted on 12 April 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार की आरक्षण नीति को वास्तविक अतिदलितों व अतिपिछड़ों के हितों के विपरीत बताया है। मुख्यमंत्री मायावती द्वारा अपनी सरकार के सामाजिक न्याय व आरक्षण नीति की प्रशंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज यहां सम्वाददाताओं से कहा कि बसपा ने राज्य विधानमण्डल में सन् 2001 में अतिदलितों व अतिपिछड़ों को आरक्षण दिलाने सम्बंधी विधेयक का समर्थन किया था। श्री राजनाथ सिंह की सरकार ने समाज के अतिदलितों व अतिपिछड़ों को आरक्षण दिलाने वाला विधेयक पेश किया था। विधेयक पारित भी हो गया था। लेकिन बसपा सरकार ने अतिदलितों, अतिपिछड़ो को आरक्षण दिलाने वाले कानून के साथ सेंधमारी की। कोर्ट से स्टे हो गया।

श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार ने स्टे के बहाने पूरा कानून उलट दिया। कोर्ट से मामला खत्म हो जाने के बावजूद भी बसपा ने अतिदलितों अतिपिछड़ो को आरक्षण का वास्तविक लाभ दिलाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। बसपा सरकार की घटिया आरक्षण नीति के चलते अनुसूचित जातियों के व्यापक समूह से सिर्फ एक जाति ही विशेष रूप से लाभान्वित हुई है। शेष दलित वर्ग आरक्षण का लाभ उठाने से वंचित रह गया। उन्हें अन्य शासकीय योजनाओं का भी लाभ नहीं मिला।

श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा अतिदलितों अतिपिछड़ों की हितैषी नहीं है। वह डाॅ0 अम्बेडकर के आरक्षण सिद्धांत व सामाजिक न्याय की अवधारणा पर विश्वास नहीं करती। उन्होंने कहा कि बसपा अतिदलितों, अतिपिछड़ो की आरक्षण नीति का समर्थन का झूठा दावा करती है। प्रवक्ता ने बसपा सरकार से प्रश्न भी किया वही विधेयक फिर से क्यों नहीं लाती? बसपा सामाजिक समरसता से जुड़े इस प्रश्न पर मौन है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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