शिक्षा, नैतिकता, चरित्र निर्माण व मनोरंजन की इन्द्रधनुषी छटा से सराबोर सी.एम.एस. कानपुर रोड का नजारा आज देखने लायक था। उल्लास व उमंग से दमकते हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रों व युवाओं के चेहरों की रौनक यहाँ चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव की अभूतपूर्व सफलता की कहानी स्वयं बयां कर रही थी और उस पर देश-विदेश से पधारी फिल्म जगत की प्रख्यात हस्तियों के साथ ही बाल फिल्म ‘टूनपुर का सुपर हीरो’ के बाल कलाकार अमय पाण्ड्या की उपस्थिति ने समारोह की रौनक में चार-चांद लगा दिये। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में चल रहे तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2011) के छठे दिन का भव्य उद्घाटन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम के सजे-धजे एवं अत्यन्त उल्लासपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ।
आई.सी.एफ.एफ.-2011 के छठे दिन का शुभारम्भ आज कामिनी कौशल द्वारा निर्देशित बाल फिल्म ‘रेगिस्तान का जहाज’ से हुआ। इसके अलावा सी.एम.एस. कानपुर रोड के अन्य छः मिनी आडिटोरियम में भी देश-विदेश की अनेक फिल्मों का प्रदर्शन हुआ, जिनमें ‘माई पर्पल सनबर्ड, फोटो रिपोर्टर, द एडवेन्चर आॅफ द टू व्हील्स, द फ्रेण्डस आफ द बीवर्स, ब्रेकफास्ट इन कैम्पिंग, हाॅलीडेज इन द कन्ट्री साइड, आन द सेलिंग बोट, द ग्रेट, द व्हाइट हाउस, माई नेम इज मोहम्मद, द जर्नी टु द ईस्ट, हर्ट इनसाइट’ आदि प्रमुख हैं। फिल्म देखकर निकले छात्रों का कहना था कि ये बाल फिल्में हमें मेहनत व लगन से अपना कार्य करने की प्रेरणा देती है तथा मेहनत से पढ़ाई करके अपने माता-पिता का नाम रोशन करने की प्रेरणा देती है।
बाल फिल्मोत्सव का छठा दिन छात्रों की गहमा-गहमी, चहल-पहल व उल्लास व उमंग से सराबोर रहा। छात्रों के साथ ही बड़ी संख्या में उनके शिक्षकों, माता-पिता व भाई-बहनों का आगमन उनके आनन्द को दोगुना कर रहा था। महोत्सव की खास बात यह है कि इसमें आर्थिक रूप से कमजोर व विकलांग बच्चों को शिक्षात्मक फिल्में देखने का भरपूर मौका मिल रहा है। विद्यालय प्रशासन द्वारा ऐसे बच्चों को लाने व ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। चूँकि यह फिल्मोत्सव पूरी तरह निःशुल्क है अतः सभी अमीर-गरीब बच्चे एक ही छत के नीचे बैठकर चरित्र-निर्माण व जीवन मूल्यों की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अमीर, गरीब, अनाथ व पिछड़े तबके के सभी बच्चों का एक साथ बैठकर फिल्म देखना सामूहिक सहकार का अभूतपूर्व दृश्य उपस्थित कर रहा था।
बाल फिल्मोत्सव के अन्तर्गत आज अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में प्रोडक्शन डायरेक्टर, बंगलुरू, श्री एम. गिरीश कसरोधी, पुणे फिल्म इन्स्टीट्यूट, मुंबई के प्रोडक्शन डायरेक्टर श्री शिव कुमार, पोलिश फिल्म इन्स्टीट्यूट, पोलैंड की डा. (सुश्री) अन्ना नदरहौस एवं इजरायली फिल्म निर्माता श्री डेविड लिबकाइंड एवं बाल कलाकार अमय पाण्ड्या ने पत्रकारों से मुलाकात की और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए बाल कलाकार अमय पाण्ड्या ने कहा कि सचमुच सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव अपने आप में अनूठा है। मुझे प्रसन्नता है कि इस प्रेरणादायी महोत्सव में पूरे विश्व की एक से बढ़कर एक शिक्षात्मक फिल्में दिखाई जा रही हैं जो बच्चों की मानसिकता को सकारात्मक ऊर्जा से भर रही हैं। सी.एम.एस. के तत्वावधान में चल रहे इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए प्रोडक्शन डायरेक्टर, बंगलुरू, श्री एम. गिरीश कसरोधी ने कहा कि चरित्र निर्माण व जीवन मूल्य की शिक्षा देने के लिए सी.एम.एस. ने जो सार्थक कदम उठाया है, उसकी गूँज न केवल भारत में अपितु पूरे विश्व में सुनाई देगी। पोलिश फिल्म इन्स्टीट्यूट, पोलैंड की डा. (सुश्री) अन्ना नदरहौस एवं इजरायली फिल्म निर्माता श्री डेविड लिबकाइंड ने अभिभावकों से अपील की कि अपने बच्चों को शैक्षिक बाल फिल्में अवश्य दिखायें क्योंकि फिल्मों का बड़ा गहरा असर बाल मन पर पड़ता है। यदि बच्चे अच्छी फिल्में देखेंगे तो उनके मन में अच्छे व सकारात्मक विचार आयेंगे। इसी प्रकार पुणे फिल्म इन्स्टीट्यूट, मुंबई के प्रोडक्शन डायरेक्टर श्री शिव कुमार ने भी बाल फिल्मोत्सव की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन व प्रख्यात शिक्षाविद डा. जगदीश गाँधी, संस्थापक, सी.एम.एस. ने कहा कि अमय पाण्डया जैसे बाल कलाकार ने यहाँ बच्चों के बीच में आकर इस महोत्सव की गरिमा में चार-चाँद लगा दिया है।
डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. बच्चों में नैतिक और चारित्रिक मूल्यों को बचपन से स्थापित करने में विश्वास रखता है और ये शिक्षाप्रद एवं प्रेरणादायी फिल्में उनके नैतिक एवं चारित्रिक गुणों को बढ़ाने और एक अच्छा नागरिक बनने में सहयोगी साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. छात्रों को प्रारम्भ से सामाजिक, नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान कर समाज का आदर्श नागरिक बनाने का भरपूर प्रयास कर रहा है।
फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर श्री कुरियन ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव सभी के लिए पूर्णतया निःशुल्क एवं लखनऊ के सभी स्कूलों के बच्चे, युवक, माता-पिता, अभिभावक व शिक्षक ‘प्रथम आगत प्रथम स्वागत’ के आधार पर बाल फिल्में देखने के लिए आमंत्रित हैं। श्री कुरियन ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म फेस्टिवल में अनेक देशों की बेहतरीन फिल्मों के प्रदर्शन के अतिरिक्त विभिन्न कैटगरियों की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को चयनित किया जा रहा है, जिन्हें समापन अवसर पर 10 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि बाल फिल्मों का यह अनूठा आयोजन सफलता के चरम सोपान को छूता हुआ अब समापन की ओर अग्रसर हो रहा है और शैक्षिक बाल फिल्मों का यह दौर कल 11 अप्रैल को सम्पन्न हो रहा है। श्री शर्मा ने बताया कि कल 11 अप्रैल को इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के समापन समारोह का उद्घाटन उ0 प्र0 विधानसभा अध्यक्ष श्री सुखदेव राजभर व प्रख्यात अभिनेता श्री फारूख शेख करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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