नैतिक मूल्यों व चारित्रिक गुणों का भरपूर प्रचार-प्रसार होना चाहिए — स्वामी प्रसाद मौर्य, पंचायती राज मंत्री, उ.प्र.
सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में चल रहे तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2011) के पाँचवे दिन का भव्य उद्घाटन सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम के सजे-धजे एवं अत्यन्त उल्लासपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि व प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दीप प्रज्वलित कर आई.सी.एफ.एफ.-2011 के पाँचवे दिन का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं पद्म भूषण, पद्मश्री व दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित श्री श्याम बेनेगल की उपस्थिति ने समारोह की भव्यता में चार-चाँद लगा दिये। इस लोकप्रिय हस्ती से मिलने, उनसे बातचीत करने व हाथ मिलाने के लिए छात्रों में होड़ लगी रही। हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रों व युवाओं ने दिल खोलकर श्री श्याम बेनेगल का स्वागत किया और उन्होंने ने भी आत्मीयता का परिचय देते हुए सभी से मुलाकात की। ज्ञातव्य हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन के तत्वावधान में 5 से 11 अप्रैल तक सात दिवसीय ‘‘तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव’’ चल रहा है जिसके अन्तर्गत 31 देशों की बेहतरीन शिक्षात्मक फिल्मों का निःशुल्क प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, प्रदेश के पंचायती राज मंत्री, उ.प्र. ने इस भव्य समारोह की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान युग की माँग है कि नैतिक मूल्यों व चारित्रिक गुणों का भरपूर प्रचार-प्रसार किया जाए। श्री मौर्य ने कहा कि चरित्र निर्माण व जीवन मूल्य भी शिक्षा का ही अभिन्न अंग है और यही भावना इस फिल्म फेस्टिवल में देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि आज बच्चे जितना ज्ञान किताबों से प्राप्त करते हैं, उससे अधिक वे इन्टरनेट, कम्प्यूटर, मल्टीमीडिया व फिल्मों द्वारा प्राप्त करते हैं। हर चीज किताबों से या घर पर नहीं सीखी जा सकती, किन्तु इस महोत्सव में बच्चों को विभिन्न देशों की जो शिक्षात्मक बाल फिल्में देखने को मिल रही है, इनमें जीवन के विविध आयाम समाये हुए हैं जो छात्रों को सही व गलत का चुनाव करने की योग्यता प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य बनाने के लिए सी.एम.एस. का यह ‘चिल्ड्रेन्स फिल्म फेस्टिवल’ एक अनूठा प्रयास है।
महोत्सव की खास बात यह रही कि बच्चों के साथ ही उनके अभिभावक और शिक्षक भी इस फिल्म फेस्टिवल से काफी प्रभावित दिखे। अभिभावकों का कहना था कि उनके बच्चे इस फिल्म फेस्टिवल से काफी प्रसन्न हैं और यहाँ काफी कुछ सीख रहे हैं। कुछ अभिभावकों का कहना था कि बच्चों के लिए शिक्षात्मक फिल्मों का आज अभाव है, ऐसे में यह फिल्म फेस्टिवल बहुत लाभदायक प्रयास है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इन बाल फिल्मों को देखने के लिए जो उत्साह व उमंग छात्रों व युवाओं में दिख रही है, उसका निश्चित ही सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह आयोजन अपने उद्देश्य में सफल होगा। इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव में छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों के साथ ही गरीब, अनाथ व पिछड़े तबके के बच्चों की भारी भीड़ उमड़ रही है। समारोह के पांचवे दिन आज शिक्षात्मक फिल्मों की शुरुआत अभिषेक कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आकर्षण’ से हुई। इसके अलावा ‘द हनी बी, फाल, लिटिल हीरोज, मोबाइल, द लास्ट थ्रेड, बनाना बैंडिट, हू इज देयर, द लास्ट सोल, डायरेक्ट बेनीफिट, एक यात्रा, गुड एण्ड स्मार्ट, मीठी नींद, इट वाजन्ट ए वोल्फ, माई फेरी, माई स्ट्रेन्थ, नाना गोपाला, झूठ, माँ मैं बड़ा हो गया हूँ, गाँधी थे महात्मा’ आदि भी बच्चों को खूब रास आई। विभिन्न देशों की अलग-अलग भाषाओं में बनी फिल्मों को अंग्रेजी व हिन्दी अनुवाद भी फिल्म के साथ-साथ ही चलता रहता है जिससे बच्चे आसानी से फिल्म के कथानक को समझ सकें।
महोत्सव के विशिष्ट अतिथि व प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं एवं पद्म भूषण, पद्मश्री व दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित श्री श्याम बेनेगल ने आज अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मुलाकात की और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री श्याम बेनेगल ने कहा कि ये फिल्में तो वाकई बहुत अच्छी हैं और ज्ञान की बातें सिखाती हैं। ये फिल्में न केवल छात्रों व उनके माता-पिता, अभिभावकों व शिक्षकों के लिए भी हैं क्योंकि हम सबको इनसे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। समारोह की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए श्री बेनेगल ने कहा कि मनोरंजन के माध्यम से छात्रों को जीवन मूल्यों का ज्ञान देने का यह तरीका अत्यन्त प्रशंसनीय है।
फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन व प्रख्यात शिक्षाविद डा. जगदीश गाँधी, संस्थापक, सी.एम.एस. ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है जो छात्रों को एवं खासकर युवा पीढ़ी को चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास की प्रेरणा दे रहा है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्व एकता व विश्व शान्ति को समर्पित इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव की गरिमा बढ़ाने हेतु फिल्म जगत की कई जानी-मानी हस्तियों का आगमन हो रहा है। डा. गाँधी ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव बच्चों के साथ ही साथ अभिभावकों व शिक्षकों में भी समाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेंगी।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि सी.एम.एस. सभी संभव माध्यमों से बच्चों के चारित्रिक व नैतिक उत्थान में संलग्न है एवं हमारा प्रयास छात्रों को सर्वांगीण शिक्षा उपलब्ध कराकर समाज का आदर्श नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में बच्चों के चरित्र निर्माण एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा देने हेतु यह अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि सेक्स व हिंसा से भरपूर फिल्में व अश्लील साहित्व व दिशाहीन टी.वी. सीरियलों से हर विचारशील व्यक्ति दुःखी है, जिनसे प्रेरित होकर हमारी युवा पीढ़ी मानसिक रूप से बीमार हो रही है। ऐसे में सी.एम.एस. ने गंदी फिल्मों को कोसने के स्थान पर अच्छी फिल्में निःशुल्क दिखाने का साहसिक बीड़ा उठाया है। श्री शर्मा ने बताया कि कल 10 अप्रैल को इस महोत्सव का छठा दिन है और खास बात है कि बाल फिल्म ‘टूनपुर का सुपर हीरो’ के कलाकार मास्टर अमय पाण्ड्या आई.सी.एफ.एफ.-2011 के छठे दिन का उद्घाटन अवसर पर कल 10 अप्रैल, रविवार को सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में उपस्थित रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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