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31 देशों की शिक्षात्मक फिल्मों का मजा उठाने जुटा बच्चों का रेला

Posted on 08 April 2011 by admin

inauguration_4th-day1सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में 31 देशों की शिक्षात्मक फिल्मों का आनन्द उठाने हजारों की संख्या में पधारे छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों की गहमा-गहमी व चहल-पहल से बाल फिल्मोत्सव का चैथा दिन आज उल्लास व उमंग से सराबोर रहा। सी.एम.एस. कानपुर रोड के सम्पूर्ण परिसर में जहाँ-तहाँ छात्रों के झुण्ड इन्हीं मनोरंजक व शिक्षात्मक फिल्मों की चर्चा करते नजर आये। इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के चैथे दिन आज जहाँ लखनऊ व आसपास के क्षेत्रों से पधारे छात्रों ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का आनन्द उठाया तो वहीं दूसरी ओर अभिभावकों व शिक्षकों ने बच्चों के चरित्र निर्माण की इस अनूठी पहल की भरपूर सराहना की। इससे पहले आज प्रातःकालीन सत्र में अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2011) के चैथे दिन का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री मृत्युंजय कुमार नारायन, आई.ए.एस., सचिव, मेडिकल एण्ड हेल्थ, उ.प्र. एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारी फिल्म जगत की प्रख्यात हस्ती सुश्री कामिनी कौशल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री मृत्युंजय कुमार नारायन, आई.ए.एस., सचिव, मेडिकल हेल्थ, उ.प्र. ने कहा कि ऐसे आयोजनों की समाज को बहुत आवश्यकता है क्योंकि इससे समाजिक व्यवस्था के उत्तरोत्तर विकास को गति मिलती है। श्री नारायन ने कहा कि नैतिक मूल्यों व चारित्रिक उत्कृष्टता से परिपूर्ण युवा पीढ़ी ही आदर्श सामाजिक व्यवस्था को गढ़ने में सक्षम हो सकती है। अतः जरूरी है कि नैतिक मूल्यों व चारित्रिक गुणों का भरपूर प्रचार-प्रसार किया जाए। अन्तर्राष्ट्रीय बाल महोत्सव में आज शिक्षात्मक फिल्मों की शुरुआत जे. विनोद छगनराव द्वारा निर्देशित बाल फिल्म ‘बोनसाई’ से हुई। इसी के साथ साथ सी.एम.एस. कानपुर रोड के विभिन्न मिनी थियटरों में देश-विदेश की विभिन्न बेहतरीन शैक्षिक फिल्में दिखाई गई जिनमें ‘ए टाॅम एण्ड ए जैक, तिरंगा, गुड्डा-गुड़िया, स्नेक्स आॅन द लैडर, चिन्टू स्कूल, आकर्षण, कन्डीशन्ड अप्लाई, द लिटिल टेरोरिस्ट, स्माइल, खेल खेल में, आओ दोस्ती करें, घर किसका है, इण्डिया शाइनिंग, द गोल्ड चेन, अनमोल रतन, सबक, बेटा, विरासत, मनु, बिहाइन्ड द स्केन्स, मसाला मामा, यू आर फ्री, विद्वा, आई एम कलाम’ आदि प्रमुख थी। इन सभी बाल फिल्मों ने बच्चों को खूब लुभाया। छात्रों के चेहरों पर छाया उल्लास महोत्सव की सफलता की कहानी अपने आप बयां कर रहा था। फिल्म देखने के बाद अधिकांश छात्रों की प्रतिक्रिया थी कि विद्यालय में नैतिक शिक्षा के पीरियड को तो हम हंसी में उड़ा देते हैं लेकिन इस प्रकार मनोरंजन के माध्यम से छात्रों को जीवन मूल्यों का ज्ञान देने का यह तरीका अत्यन्त प्रशंसनीय है। ऐसे शिक्षात्मक मनोरंजन के लिए अभिभावकों को भी कोई एतराज नहीं हो सकता तभी तो उनके मम्मी-पापा भी उनके साथ फिल्म देखने आये हैं। कुछ ऐसे ही विचार अन्य बच्चों के भी रहे जिन्होंने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल अत्यन्त मनोरंजक व शिक्षाप्रद है।

kamini-kaushal-1महोत्सव के चैथे दिन अपरान्हः सत्र में आज सी.एम.एस. कानपुर रोड पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में प्रख्यात फिल्म अभिनेत्री एवं निर्देशिका सुश्री कामिनी कौशल ने पत्रकारों से मुलाकात की और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुश्री कामिनी कौशल ने उम्मीद जताई कि सी.एम.एस. आगे भी ऐसी बेहतरीन फिल्में बच्चों को दिखाता रहेगा जो बालकों के कोमल मस्तिष्क पर सकारात्मक व गहरा प्रभाव डालेंगी और उनमें महान बनने के विचार पैदा करेंगी। उन्होंने सारे सी.एम.एस. परिवार को हार्दिक बधाई दी और कहा कि यह समारोह पूरे विश्व में एकता व शान्ति का परचम लहरायेगा। सी.एम.एस. संस्थापक व इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के चेयरमैन डा. जगदीश गाँधी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन के माध्यम से डा. गाँधी ने सामाजिक जागरूकता की अमिट छाप छोड़ी है।

इस अवसर पर उपस्थित प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु महोत्सव में पधारने हेतु सुश्री कामिनी कौशल का हार्दिक आभार व्यक्त किया। सुश्री कौशल के व्यक्तित्व व कृतित्व का बखान करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि आप हिन्दी फिल्म तथा टेलीविजन की चर्चित कलाकार है। आपको ‘‘नीचा नगर (1946)’’ में यादगार भूमिका निभाने के लिए केन्स फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन पालम अवार्ड तथा ‘‘बिराज बहू (1955)’’ के लिए फिल्म फेयर बेस्ट एक्टर्स अवाॅर्ड 1955 से नवाॅजा गया। आपने बच्चों के लिए प्रेरणादायी कहानियां भी लिखी हैं जो कि बच्चों की पराग मैगजीन में प्रकाशित हुई हैं। इसके अलावा टेलीविजन सीरियल ‘‘चांद सितारे’’ में आपने भूमिका निभायी है तथापि आपने एक ऐनिमेशन फिल्म ‘‘मेरी पारी’’ बनायी। वर्तमान में आप स्टार प्लस में प्रसारित होने वाले लोकप्रिय सीरियल ‘‘सन्नो की शादी’’ में भूमिका निभा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव की अभूतपूर्व सफलता से गद्गद् डा. गाँधी ने आगे कहा कि इस महोत्सव के लिए बच्चों, अभिभावकों व शिक्षकों में जो जागरूकता देखने को मिल रही है, वह आने वाले सुखद भविष्य का संकेत है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव विश्व एकता व विश्व शान्ति को समर्पित है।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन के तत्वावधान में यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव लखनऊ की सरजमीं पर लगातार तीसरी बार आयोजित किया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों एवं युवा पीढ़ी का चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास है। श्री शर्मा ने बताया कि पूरे विश्व में अपनी तरह के इस अनूठे एवं एतिहासिक आयोजन की गरिमा को बढ़ाने के लिए कल 9 अप्रैल को  प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं एवं पद्म भूषण, पद्मश्री व दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित श्री श्याम बेनेगल लखनऊ में होंगे तथापि अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के पाँचवे दिन का उद्घाटन कल 9 अप्रैल को प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य करेंगे। श्री शर्मा ने बताया कि इस बाल फिल्मोत्सव में पुणे फिल्म इन्स्टीट्यूट, मुंबई के प्रोडक्शन डायरेक्टर श्री शिव कुमार, प्रोडक्शन डायरेक्टर, बंगलुरू, श्री एम. गिरीश कसरोधी, पोलिश फिल्म इन्स्टीट्यूट, पोलैंड की डा. (सुश्री) अन्ना नदरहौस एवं इजरायली फिल्म निर्माता श्री डेविड लिबकाइंड आदि भी शिरकत कर रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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