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अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2011) का तीसरा दिन

Posted on 08 April 2011 by admin

छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों में उमड़ा अच्छी फिल्में देखने का उत्साह, प्रख्यात गायक अभिजीत भट्टाचार्या की उपस्थिति ने बढ़ाई समारोह की रौनक

inauguration_3rd-day1सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरिम में चल रहे  सात-दिवसीय निःशुल्क ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2011)’’ में शिक्षात्मक बाल फिल्में देखने का भारी उत्साह छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों में दिखाई दिया और सी.एम.एस. कानपुर रोड का समस्त परिसर बड़ी संख्या में उपस्थित बच्चों एवं अभिभावकों से दिन भर खचाखच भरा रहा। इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन आज प्रख्यात गायक अभिजीत भट्टाचार्या की उपस्थिति ने समारोह की रौनक में चार-चाँद लगा दिये। बच्चों के साथ ही अभिभावक, शिक्षक व अन्य नागरिक अभिजीत भट्टाचार्या से मिलने व हाथ मिलाने को आतुर दिखे। इससे पहले आज अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के तीसरे दिन का विधिवत् उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री चन्द्रभान, आई.ए.एस., सचिव, मुख्यमंत्री, उ.प्र. ने दीप प्रज्वलित कर किया। ज्ञातव्य हो कि छात्रों एवं युवा पीढ़ी के चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास हेतु सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन के तत्वावधान में 5 से 11 अप्रैल तक सात दिवसीय ‘‘तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव’’ सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहा है जिसके अन्तर्गत 31 देशों की बेहतरीन शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क दिखाई जा रही हैं। यह बाल फिल्मोत्सव ‘विश्व एकता एवं विश्व शान्ति’ को समर्पित है।

abhijeet11इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि श्री चन्द्रभान, आई.ए.एस., सचिव, मुख्यमंत्री, उ.प्र. ने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव बच्चों के चरित्र निर्माण की अनूठी पहल है क्योंकि इसमें मनोरंजन के साथ ही शिक्षा का समावेश भी है। उन्होंने  विश्वास व्यक्त किया कि सी.एम.एस. की इस अनूठी पहल से सारा पारिवारिक व सामाजिक वातावरण चरित्रमय बनेगा। उन्होंने ने कहा कि भौतिकता के इस दौर में बच्चे पढ़-लिखकर भी नैतिकता व आध्यात्मिकता के उत्कृष्ट विचारों से दूर रह जाते हैं, ऐसे में सी.एम.एस. शिक्षाप्रद एवं प्रेरणादायी बाल फिल्मों के माध्यम से भावी पीढ़ी को समाज का आदर्श नागरिक बनाने की अलख जगा रहा है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए।

‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव’ के अन्तर्गत आज हजारों बच्चों ने ‘गुड मार्निंग स्क्वैरल, वन एण्ड ओनली, रेगिस्तान का जहाज, नई कार की शान, द एबक्टेड ट्रेन, द हार्स थीफ, गार्जियन्स आफ द लाॅ, द चेज, द ट्रैकर्स, द इण्डियन आइडल, द अदर साइड, द गिफ्ट, अंगुलिमाल, पछतावा, विरासत, बापू के साथ, माँ, रोशनी, बड़े काम की चीज, क्या देखें हम, गाड्स पावर हाउस, ब्रिजिंग द गैप, द लिटिल एडवेन्चर आफ मिलोस’ आदि अनेक उत्कृष्ट फिल्मों का आनन्द उठाया। शैक्षिक बाल फिल्मों का आनन्द उठाने अपने बच्चों के साथ पधारे अभिभावकों ने खुले दिल से इस बात को स्वीकारा कि यह बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का बड़ा ही सीधा व सरल तरीका है। इन बाल फिल्मों में सभी धर्मों की एकता, मानव मात्र की एकता, ईश्वरीय भक्ति, सच्चाई की जीत, प्रार्थना की शक्ति, आत्मविश्वास इत्यादि अनेक गुणों पर प्रकाश डाला गया है। चूँकि इन फिल्मों में कोई शुल्क नहीं है अतः सभी गरीब व अमीर बच्चें एक साथ मिल-बैठकर इन फिल्मों का आनन्द ले सकते हैं, इससे बच्चों में आपसी भाईचारा, प्रेम व एकता की भावना भी विकसित होती है।

अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में पधारे प्रख्यात गायक श्री अभिजीत भट्टाचार्या अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से रूबरू हुए एवं दिल खोलकर पत्रकारों से चर्चा की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री अभिजीत भट्टाचार्या ने कहा कि यह महोत्सव निश्चित ही बच्चों के चरित्र निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि इन बाल फिल्मों में जो पात्र हैं वह जीवन के ही अंग हैं। इसलिए बच्चों पर इनका गहरा प्रभाव पड़ता है और वे जीवन मूल्यों की शिक्षा ग्रहण करते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी देना जरूरी है।

इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, संस्थापक, सी.एम.एस. ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव को लखनऊ की जनता का जो सहयोग मिल रहा है, उससे मैं अभिभूत हूँ और आभार व्यक्त करता हूँ। डा. गाँधी ने कहा कि आजकल बड़े पर्दे पर दिखाई जाने वाली फिल्में बच्चों के कोमल मन को दूषित कर रही हैं और उन्हें विभिन्न गलत आदतें, हिंसा व आत्महत्या के नये-नये तरीके सिखा रही हैं। ऐसे में सी.एम.एस. इस महोत्सव में दिखाई जा रही फिल्मों के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने का प्रयास कर रहा है कि मेहनत व श्रम द्वारा वे चाहें तो आसमान के तारे तक तोड़ने की क्षमता रखते हैं। डा. गाँधी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सी.एम.एस. का यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव लखनऊ में ही नहीं अपितु पूरे देश में अत्यन्त लोकप्रिय हो रहा है और बड़ी-बड़ी फिल्म हस्तियाँ व अन्य अनेक विद्वजन यहाँ पधारकर बच्चों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं।

प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर श्री वर्गीस कुरियन ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव सभी के लिए पूर्णतया निःशुल्क एवं लखनऊ के सभी स्कूलों के बच्चे, युवक, माता-पिता, अभिभावक व शिक्षक ‘प्रथम आगत प्रथम स्वागत’ के आधार पर बाल फिल्में देखने के लिए आमंत्रित हैं। महोत्सव के अन्तर्गत कमजोर तथा विकलांग बच्चों को शिक्षात्मक बाल फिल्में दिखाने की विशेष व्यवस्था की गयी है तथापि इसके लिए बच्चों को लाने के लिए आवश्यकतानुसार निःशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महेात्सव में 31 देशों की बेहतरीन बाल फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिनमें जापान, जर्मनी, यू.एस.ए., इटली, इजरायल, क्रोएशिया, स्पेन, ईरान, कनाडा, सिंगापुर, कजाकिस्तान, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्वीडन, यू.के., अर्जेन्टीना, बुल्गारिया, श्रीलंका, बेल्जियम, फ्रांस, ताइवान, बांग्लादेश, पोलैण्ड, ब्राजील, रूस, हालैंड, हंगरी, नाइजीरिया, तुर्की, डेनमार्क तथा भारत प्रमुख हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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