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नागर निकायों में जो कमियां पायी थीं, उनका निस्तारण समयबद्ध रूप से किया जाना है

Posted on 06 April 2011 by admin

उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे ने बलिया, खुर्जा तथा फिरोजाबाद के अधिशासी अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि तथा बिजनौर नागर निकाय के अवर अभियन्ता को निलम्बित करने के निर्देश दिए हंै। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि नगरों के पेयजल योजना के अन्तर्गत आगरा ओवर हेड टैंक यदि आगामी 20 अप्रैल तक क्रियाशील नहीं हो जाता, तो सम्बन्धित अधीक्षण अभियन्ता विद्युत को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए।

नगर विकास मंत्री आज यहां उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा जनपदों के भ्रमण के दौरान स्थानीय नागर निकायों में जो कमियां पायी थीं, उनका निस्तारण समयबद्ध रूप से किया जाना है। माननीया मुख्यमंत्री जी के भ्रमण के दौरान इंगित की गयी कमियों के निराकरण के लिए सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों तथा नागर निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे इन कार्याें को पूर्ण कराते हुए इनका भौतिक सत्यापन स्वयं अथवा अपने अधीनस्थ अधिकारियों से कराकर प्रत्येक माह की 05 तारीख को संकलित सूचना शासन को उपलब्ध करायें। सम्बन्धित अधिकारी द्वारा जिन बिन्दुओं पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है, उसके सम्बन्ध में स्थलीय भौतिक सत्यापन के पश्चात अपनी सुस्पष्ट आख्या एवं जो कार्य शुरू कराये गये हैं, उनके पूर्ण होने की सम्भावित तिथि अंकित करते हुए 11 अप्रैल, 2011 तक अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।

नगर विकास मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना के कार्यान्वयन के सम्बन्ध में दलित बस्तियों के चयन तथा उनमें कराये जाने वाले कार्याें का प्रोजेक्ट एवं कार्ययोजना से सम्बन्धित विभागों को अवगत कराते हुए की गयी कार्यवाही की सूचना 15 अप्रैल, 2011 तक निश्चित रूप से अवगत कराते हुए दिनांक 30 अप्रैल, 2011 तक प्रोजेक्ट सम्बन्धी विभागों को उपलब्ध करा दी जाये। उन्होंने यह भी बताया कि योजना के अन्तर्गत प्रोजेक्ट की स्थिति तथा दलित बस्तियों के चयन के सम्बन्ध में आगामी 18 अप्रैल को उच्च स्तरीय समीक्षा की जायेगी।

श्री दुबे ने बताया कि मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार आश्रयहीन तथा निराश्रित व्यक्तियों को आगरा, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, अलीगढ़, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर तथा मुरादाबाद नगर निगमों के अन्तर्गत शेल्टर होम की व्यवस्था किए जाने के लिए वर्तमान बजट में 11 करोड़ 42 लाख 40 हजार रूपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होनंे निर्देश दिए कि शेल्टर होम के लिए स्थल चयन का कार्य तत्काल पूरा किया जाये तथा 06 माह के अन्दर शेल्टर होम का कार्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने लखनऊ जिले को छोड़कर अन्य नागर निकाय क्षेत्रों में जहां ट्यूबवेल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, को 20 अप्रैल, 2011 तक क्रियाशील किए जाने के निर्देश सम्बन्धित नागर निकायों के अधीशासी अधिकारी तथा जल निगम के अधिकारियों को दिए। कानपुर में निर्माणाधीन 20 ट्यूबवेल में से 10 ट्यूबवेल तथा गाजियाबाद में बने 15 ट्यूबवेल में से 10 ट्यूबवेलों को  20 अप्रैल, 2011 तक क्रियाशील करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए गए हैं।

श्री दुबे ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था तथा संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए चाक-चैबन्द व्यवस्था की जाए तथा 01 अप्रैल से 30 अप्रैल के दौरान सभी कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। निकायों में उपलब्ध फाॅगिंग मशीन को चालू हालत में रखा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन शहरों में सीवर लाइन का कार्य पूरा हो गया है वहां सड़कों तथा नालियों की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए, ताकि लोगों को परेशानी न हो। यह भी निर्देश दिए गए कि जिन साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट परियोजना के कार्यस्थलों पर कार्य प्रगति पर है, वहां कूड़े की डम्पिंग का कार्य शुरू कराया जाए। उन्होंने बुन्देलखण्ड में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में नागरिकों को गर्मी के मौसम में पेयजल उपलब्ध कराने के समुचित प्रबन्ध युद्धस्तर पर किए जायें।

प्रमुख सचिव नगर विकास श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने निदेशक स्थानीय निकाय को निर्देश दिए कि अगली बैठक से नगर विकास विभाग के अन्तर्गत उल्लेखनीय कार्य करने वालों से ब्योरा मांगा जाए, जिनमें से सर्वश्रेष्ठ का चयन कर बैठक में प्रस्तुतिकरण हेतु सम्बन्धित को अवसर दिया जाए। इससे विभाग में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी तथा लोगों को और अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 जनहित गारण्टी कानून के अन्तर्गत नगर विकास विभाग के अन्र्तगत जिन कार्याें को चिन्हित किया गया है, के सम्बन्ध में अलग से समीक्षा की जायेगी। इस कानून के अन्तर्गत नगर निगम क्षेत्र में सम्पत्ति का अविवादित नामांतरण, नगर निगम क्षेत्रों में (जहां तकनीकी रूप से सम्भव हो) नवीन जलापूर्ति संयोजन, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत क्षेत्र में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तथा नगर निगम क्षेत्र में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का जारी किया जाना शामिल है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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