Categorized | लखनऊ.

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार की नीतियां किसान विरोधी

Posted on 05 April 2011 by admin

  • यू0पी0ए0 सरकार ने फर्टिलाइजर निर्माताओं को फायदा पहुंचाने के लिए यूरिया के दामों में बढ़ोत्तरी की
  • केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में यूरिया के दामों में मनमानी वृद्धि, प्रदेश के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में पहली अप्रैल, 2011 से यूरिया खाद के दामों प्रति बोरी 15 रूपये बढ़ोत्तरी किये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इस मनमानी बढ़ोत्तरी से प्रदेश के किसानों पर अतिरिक्त बोझ आयेगा और पहले से ही महंगाई की मार से जूझ रहे किसानों की स्थिति और बद्तर हो जायेगी।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार के इस फैसले से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस की नीतियां पूरी तरह किसान विरोधी हैं और उसे किसानों और आम आदमी की कोई चिन्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ोत्तरी से जहां एक ओर कृषि सेक्टर को नुकसान होगा, वहीं दूसरी तरफ उत्पादन पर भी असर होगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में यूरिया के मूल्य में मनमानी बढ़ोत्तरी किये जाने के निर्णय को उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार बताया है।

श्री मौर्य ने कहा कि यूपीए सरकार की नीति शुरू से ही धन्नासेठों और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाली रही है। यही वजह है कि वर्ष 2004 से लगातार डीजल, पेट्रोल, उर्वरक, सब्जी तथा आवश्यक वस्तुओं के दामों में कई बार बढ़ोत्तरी की गयी है और इससे आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। उन्हांेने यूरिया के दामों में बढ़ोत्तरी किये जाने के फैसले को अविवेकपूर्ण तथा किसान विरोधी बताते हुए इसको तुरन्त वापस लिये जाने की मांग की है।

बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2011 से उत्तर प्रदेश राज्य मंे यूरिया  खाद की 50 किलोग्राम भरती की प्रति बोरी बिक्री पर रू0 14.45 धनराशि एम.आर.पी. से अधिक वसूलने की अनुमति फर्टिलाइजर निर्माता कम्पनियों को दे दी गयी है। इससे राज्य  के किसानों पर प्रति बोरी यूरिया की खरीद पर 15 रूपये से अधिक का अतिरिक्त भार आ गया है। इससे स्पष्ट है कि केन्द्र सरकार किसानों की हितैषी नहीं है बल्कि वह कारपोरेट घरानों की पक्षधर है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से कृषि सेक्टर की विकास दर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडे़गा और किसानों की स्थिति और खराब होगी।

श्री मौर्य ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा यह निर्णय उत्तर प्रदेश मंे खाद के निर्माण मंे प्रयोग होने वाली प्राकृतिक गैस पर प्रवेश कर की देयता का आधार लिया गया है, जो किसी तरह से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि  उत्तर प्रदेश मंेे 01 नवम्बर, 1999 से ही गैस पर प्रवेश कर लगा हुआ है। और यह दर 01 नवम्बर, 99 से 10 अक्टूबर 2002 तक 3 प्रतिशत, 11 अक्टूबर 2002 से 30 नवम्बर 2006 तक 4 प्रतिशत तथा 01 दिसम्बर, 2006 से 5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 19 फरवरी 2010 से 28 जून, 2010 तक प्राकृतिक गैस पर प्रवेश कर की देयता नहीं रही है परन्तु इस अवधि मंे इस पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त कर की देयता वैट अधिनियम के अन्तर्गत रही है।

बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हाल मंे प्राकृतिक गैस पर प्रवेश कर की दर मंे राज्य सरकार द्वारा कोई बढोत्तरी नहीं की गयी है। इस प्रकार केन्द्र सरकार द्वारा यूरिया के दामों में बढ़ोत्तरी का निर्णय इस आधार पर उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से प्रदेश के विकास एवं किसानों के हित के लिए प्रयासरत है। इसके साथ ही किसानों को तमाम सुविधायें देकर उनका उत्पादन अगले दो वर्षों में दोगुना किये जाने का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से खेती-किसानी तथा उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

श्री मौर्य ने कहा कि व्यापार कर व्यवस्था मंे केमिकल फर्टिलाइजर पर 6.5 प्रतिशत की दर से व्यापार कर देय था तथा रू0 50 लाख वार्षिक टर्नओवर से अधिक बिक्री वाले व्यापारियों की कर योग्य टर्नओवर पर एक प्रतिशत राज्य विकास कर की देयता थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित मंे वैट व्यवस्था मंे 01 जनवरी, 2008 से केमिकल फर्टिलाइजर  जिसमंे यूरिया भी सम्मिलित है, पर कर की दर घटाकर 4 प्रतिशत कर दी गयी है। वर्तमान मंे इस पर एक प्रतिशत की दर से अतिरिक्त कर भी लगता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार  यूरिया पर राज्य सरकार द्वारा व्यापार कर व्यवस्था की तुलना मंे कर की दर मंे 2.5 प्रतिशत की कमी की गयी है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार का रवैया उत्तर प्रदेश के साथ शुरू से ही विभेदकारी रहा है, जिसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में वैट लागू करने के पूर्व केन्द्र सरकार द्वारा किये गये वायदे तथा प्रलोभन, जिसमें कहा गया था कि वैट लागू करने वाले राज्यों को सी0एस0टी0/वैट के क्षतिपूर्ति की भरपाई की जायेगी, लेकिन उत्तर प्रदेश को यह क्षतिपूर्ति नहीं की गयी। जिसका नतीजा है कि केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय बिक्रीकर की दर घटाने के फलस्वरूप राज्य सरकार को होने वाली क्षतिपूर्ति की धनराशि रू0 2,527.93 करोड़ के विरूद्व मात्र रू0 118.87 करोड़ का ही भुगतान केन्द्र द्वारा किया गया है, जबकि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही राज्य सरकार द्वारा अपना क्लेम प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि वैट कम्पेनसेशन की मद मंे राज्य को देय रू0 175.56 करोड़ के विरूद्व कोई भुगतान नहीं किया गया है।

श्री मौर्य ने उत्तर प्रदेश के साथ केन्द्र के पक्षपातपूर्ण रवैये की ओर ध्यानाकृष्ट करते हुए कहा कि वर्ष 2007-08, 2008-09 एवं 2009-10 के लिए भारत सरकार द्वारा इन तीन वर्षाें के लिए आन्ध्र प्रदेश को 3541.60 करोड़ रूपये, दिल्ली को 2591.46 करोड़ रूपये, गुजरात को 1951.81 करोड़ रूपये, हरियाणा को 2969.02 करोड़ रूपये, कर्नाटक को 2314.17 करोड़ रूपये, तमिलनाडु को 2455.62 करोड़ रूपये की धनराशियां जारी की गयी हैं। जबकि इसकी अपेक्षा उत्तर प्रदेश को केन्द्र द्वारा बिक्री कर की दर घटायी गयी है। इससे साफ जाहिर है कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के साथ विभेदकारी एवं सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य को देय धनराशि का भुगतान न किये जाने से राज्य का विकास एवं जनता का हित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है। इसी कड़ी मंे केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश मंे यूरिया के मूल्य मंे मनमाने रूप से वृद्वि करके उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है, जिससे राज्य के गरीब किसानों पर भी अतिरिक्त बोझ आ गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in