आज पूरे विश्व में इदरीसी समाज अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। इस समाज की आज पूरे विश्व को ज़रुरत है । लेकिन इस समाज को आज भी वह मुक़ाम नहीं मिल पाया है जिसका यह समाज हक़ीक़त में हक़दार है । इसकी मुख्य वजह यह भी रही है कि उ0प्र0 के 50 लाख इदरीसी समाज के लोग अभी तक एकजुट नहीं पाये थे ।
इदरीसी समाज को एकजुट करने के लिए 2006 में परवीन अयूब ने इस नेतृत्व की बागडोर अपने हाथ में ली तबसे यह समाज इतनी अल्पावधि में भी एक मज़बूत संबठन बनकर उभर रहा है । इस संगठन के माध्यम से इदरीसी समाज की आर्थिक , सामाजिक एवं शैक्षिणक दशा को सुधारने के लिए राजनैतिक तेवर दिया गया है । जिसके लिए विगत कई महीनों से विभिन्न राज्यों के गांव गांव भ्रमण कर इस संगठन को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा था उसी प्रयास की वजह से ही 7 अप्रैल 2011 रविन्द्रालय , लखनऊ में होने वाले विशाल सम्मेलन में 14 राज्यों के इदरीसी समाज के जिम्मेदार लोग व हज़ारों की तादाद में इदरीसी समाज के कार्यकर्ता शिरकत करने आ रहे हैं ।
इदरीसी समाज आज अपने वोट की ताक़त को समझने लगा है और वह अपने हक़ को लेकर रहेगा इदरीसी समाज ने देश के लिए हमेशा बलिदान दिया है जिसकी मिसाल है वीर अब्दुल हमीद जिस पर किसी भी देशवासी को गर्व हो सकता है । इस समाज मे ंअभी भी लाखों की तादाद में ऐसी प्रतिभाएं है जो देश की तरक्की में हिस्सा लेने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। लेकिन उ0प्र0सरकार द्वारा उनको उचित सहयोग नहीं किया जा रहा है । जिससे यह प्रतिभाएं अपने आपमें दम तोड़ती नज़र आ रही है। अगर उ0प्र0 सरकार ने इस समाज को उसका उचित हक़ अब भी नहीं दिया तो इस समाज ने अपनी किस्मत खुद लिखने के लिए बिगुल फूंक दिया है जिसकी शुरुआत 7 अप्रैल 2011 प्रातः 10 बजे रविन्द्रालय, लखनऊ से हाने जा रही है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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