आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उ0प्र0 के मुख्य संयोजको की आज आवश्यक बैठक फील्ड हास्टल में सम्पन्न हुई बैठक के उपरान्त आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजको इं0 के0बी0राम,श्री अवधेश कुमार वर्मा इं0 उमाशंकर, इं0 एस0पी0कुरील, इं0 आर0पी0जाटव, ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि परिणामी ज्येष्ठता का मामला वर्तमान में मा0 सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तथा कोर्ट द्वारा सभी पक्षो को यथास्थित बनाये रखने के निर्देश दिये गये है, ऐसे में मा0 उच्च न्यायालय लखनऊपीठ के आदेश 04 जनवरी 2011 को लागू कराने की बात करना मा0 सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। जो लोग 04 जनवरी 2011 के आदेश को लागू कराने को लेकर धरना प्रदर्शन/सभा कर रहे है निश्चित ही वह आपसी भाई-चारा को मिटाने की साजिश कर रहे हैं, ऐसे लोगो के खिलाफ सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए।
जहाँ तक परिणामी ज्येष्ठता का मुद्दा है तो वह संविधान संशोधन के उपरान्त आरक्षित वर्ग को मिला अधिकार है, इसे कोई भी आरक्षित वर्ग से नहीं छीन सकता तथा इसके विरूद्ध किसी भी प्रकार की बयान बाजी सविंधान विरोधी कार्यवाही की श्रेणी में आती है। समिति ने पुनः अपने सकल्प को दोहराते हुए यह निर्णय लिया कि आरक्षण को जब तक संविधान की नवीं अनुसूची में नहीं डाला जाता तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। समय-समय पर परिणामी ज्येष्ठता के मुद्दे पर राजनैतिक स्वार्थ के चलते वोट की राजनीति के लिए आरक्षण पर कुछ राज नेताओं द्वारा लगातार राजनीतिक बयान बाजी की जा रही है। वास्तव में यदि ऐसे लोग आरक्षित वर्ग के शुभ चिन्तक हैं तो वह सबसे पहले आरक्षण को संविधान की नवी सूची में डाले जाने हेतु केन्द्र सरकार पर दबाव बनाये महज बयान बाजी से दलित समाज का भला नहीं होने वाला।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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