Categorized | कुशीनगर

पश्चिमी सभ्यता के कारण ही वर्तमान में पर्यावरण तेजी से दूषित हो रहा है

Posted on 04 April 2011 by admin

इसका संरक्षण भारतीय चिन्तन से ही संभव है।

इस आशय के विचार रविवार को स्थानीय श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय द्वारा महाविद्यालय के सभागार में अगिन्पुराण में विज्ञान तकनीक तथा कालिदास साहित्य में पर्यावरण चेतना विषय विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक रमापति उर्फ रमाकान्त गोंड ने कही। उन्होंने कहा कि कालिदास साहित्य पर्यावरण चेतना से भरा हुआ है। इसमें प्रकृति को ही विश्व कवि ने मानव जाति के लिए श्रेष्ठ बताया है जो प्रमाणिक भी है। अध्यक्षता कर रहे सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रो.रजनीश कुमार शुक्ल ने अपने कहा कि कालिदास साहित्य में पर्यावरण चेतना कूट-कूट कर भरी है। कालिदास अपनी रचना अभिज्ञान शाकुन्तलम् की नायिका शकुन्तला के सौन्दर्य का वर्णन करते है तो वह नायिका के सौन्दर्य का वर्णन नहीं,बल्कि प्रकृति की सुन्दरता का वर्णन करते हैं।

बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए प्रो. प्रमोद कुमार पाण्डेय ने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में जब तक हम दौड़ते रहेगे हमारा पर्यावरण भी उतना दूषित होगा। इसका जीता जागता प्रमाण जापान की तबाही है। इसका कारण प्रकृति के साथ मानव जाति द्वारा किया गया छेड़छाड़ ही है। संगोष्ठी के दूसरे व तीसरे सत्र में प्रतिभाग करते हुए प्रो.राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पर्यावरण को हम दूषित होने से तभी बचा पायेंगे जब हम सब एक हो इसके नियंत्रण के लिए कार्य करेगे। प्रो.नागेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि यहां जो पर्यावरण की समस्या है उसके जड़ वास्तव में पश्चिमी देश ही है। ओजोन पर्त में हुए छिद्र को लेकर जो हो हल्ला पश्चिमी देश मचा रहे है वह उनके द्वारा ही उत्पन्न किये गये है न कि भारत के द्वारा। आधुनिक विषयाध्यापक मोहन पाण्डेय ने कहा कि अगिन्पुराण में वर्णित वास्तु शास्त्र,चिकित्सा का आयुर्वेद शास्त्र,नाड़ी विज्ञान आदि सभी विशिष्ट वैज्ञानिक पक्षों का प्रतिपादन करते है। कार्यक्रम की शुरूआत द्वीप प्रज्जावलन व मां सरस्वती के चित्र पर मुख्य अतिथि द्वारा माल्यार्पण महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना व स्वागत गीत हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रो.प्रभुनाथ द्विवेदी ने किया। आगन्तुकों का स्वागत महाविद्यालय के मंत्री गंगेश्वर पाण्डेय ने किया जबकि आभार प्रबन्धक अगिन्वेश मणि व प्राचार्य चन्द्रेश्वर पाण्डेय ने संयुक्त रूप से व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2025
M T W T F S S
« Sep    
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in