मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद जनपद बदायूं के बसपा विधायक योगेन्द्र सागर की अभी तक गिरफ्तारी न किये जाने व लखनऊ में बसपा के मन्त्रियों के यहां उन्हें देखे जाने से यह साबित होता है कि प्रदेश की बसपा सरकार अपने विधायक को बचाने का कार्य कर रही है, जो कि शर्मनाक है।
प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती द्वारा अपराधियों केा संरक्षण देने और अपने दल के अपराधी विधायकों को बचाने के प्रयास के सम्बन्ध में बार-बार कांग्रेस पार्टी द्वारा लगाये गये आरोप की पुष्टि एक बार पुन: हुई, जब बहुजन समाज पार्टी के विधायक योगेन्द्र सागर को कु0 ज्योति शर्मा नामक बी.ए. की छात्रा से सामूहिक बलात्कार काण्ड के आरोप में पीड़ित को कहीं से भी न्याय न मिलने के कारण मा0 उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी और मा0 न्यायालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया गया।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि `बेहतर कानून व्यवस्था´ का खोखला दावा करने वाली प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के चार वर्ष के कार्यकाल में तमाम बसपा विधायकों, मन्त्रियों और नेताओं द्वारा बलात्कार, हत्या जैसे जघन्य अपराध किये गये और प्रदेश की सरकार द्वारा अपराधियों को बचाने का प्रयास किया गया है। तमाम मामलों में मा0 न्यायापालिका के हस्तक्षेप के बाद ही पीड़ित को न्याय मिल सका है। किन्तु बसपा सरकार द्वारा कानून को ताक पर रखने का प्रयास जारी है, अन्तत: आज मा0 न्यायालय द्वारा सामूहिक बलात्कार काण्ड के आरोपी बसपा विधायक योगेन्द्र सागर के विरूद्ध गैर जमानती वांरट जारी किया गया।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश की बसपा सरकार के लिए इससे अधिक शर्मनाक और क्या होगा कि सरेआम बलात्कार के आरेापी बसपा विधायक योगेन्द्र सागर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में घूम रहे हैं और पूरी की पूरी सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। श्री सागर को बसपा के मन्त्रियों और विधायकों के यहां आते-जाते देखा जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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