मुख्य सचिव जी अतुल कुमार गुप्ता ने आज `उत्तर प्रदेश निजी सचिव कल्याण निधि नियमावली, 2011´ का सचिवालय तिलक हाल में लोकार्पित करते हुये कहा कि यह कर्मचारियों द्वारा स्वयं पहल कर उठाया गया बड़ा ही कल्याणकारी कदम हैं। विषम परिस्थितियों में कल्याण निधि द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक मदद संकटग्रस्त परिवार के लिए एक बड़ी राहत होगी।
मुख्य सचिव श्री गुप्ता ने कहा कि वे मा0 मुख्यमन्त्री जी के विवेकाधीन कोष से इस निधि को आर्थिक मदद हेतु संस्तुति करेंगे।
उत्तर प्रदेश निजी सचिव संघ के महामन्त्री श्री सईदुल हसन ने जानकारी देते हुए बताया कि नियमावली के अनुसार उत्तर प्रदेश सचिवालय में कार्यरत निजी सचिवों को उनके सेवाकाल में मृत्यु हो जाने के परिणाम स्वरूप परिवार के सामने उत्पन्न आर्थिक संकट की प्रतिपूर्ति हेतु एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। सदस्य को सेवाकाल में मानसिक अथवा शारीरिक अक्षमता के कारण यदि सेवा से विलग होना पड़ता है तो सर्वसहमति से समुचित आर्थिक सहायता दी जायेगी। इसके अतिरिक्त समय-समय पर सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों को सम्मानजनक विदाई देने के लिए सीमित युक्तिसंगत धनराशि आहरित करने का भी प्राविधान है। इस निधि के आय के स्रोत के रूप में सदस्यों से मासिक अंशदान के रूप में सौ रूपये प्रति सदस्य जमा कराये जायेंगे। अन्य संसाधन के रूप में दानस्वरूप प्राप्त धनराशि, राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान अथवा मा0 मुख्यमन्त्री जी के विवेकाधीन कोष से, यदि कोई धनराशि प्राप्त होती है, तो उसे जमा किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश निजी सचिव संघ के अध्यक्ष श्री अरूण श्रीवास्तव ने कल्याण-निधि के प्राथमिक संसाधन के रूप में संघ की ओर से एक लाख रूपये की धनराशि का चेक मुख्य सचिव महोदय के माध्यम से कल्याण-निधि के अध्यक्ष को भेण्ट किया।
मुख्य सचिव श्री गुप्त ने प्रसन्नता व्यक्त की कि अधिसंख्य सदस्यों ने स्वेच्छा से इस निधि की स्थापना में योगदान किया है। शेष सदस्यों से इसे शीघ्र स्वीकार करने की अपील की गई।
इस अवसर विशेष सचिव सचिवालय प्रशासन श्री पंकज गंगवार, संयुक्त सचिव अजय सिंह, विद्याधर पाठक, निजी सचिव बसन्त बेन्जामिन, महेश जोशी, ए0के0 बाली, बलराम गोयल, घनानन्द पाण्डेय समेत बड़ी संख्या में निजी सचिव गण उपस्थित थे।