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समीक्षा बैठक पर सवालिया निशान

Posted on 25 March 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमन्त्री द्वारा अधिकारियों के साथ की गई समीक्षा बैठक पर सवालिया निशान लगाते हुए इसे कागजी खानापूर्ति बताया है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि समीक्षा बैठक के नाम पर अधिकारियों को चेतावनी महज दिखावा है। सरकार के कानून व्यवस्था के ठीक किए जाने के दावे खोखले हैं। राज्य में अपराधों की बाढ़ आ गई है। प्रदेश में बढ़ती आपराधिक वारदातों एवं जर्जर कानून-व्यवस्था के विरोध में पार्टी 29 मार्च को पूरे प्रदेश में प्रात: 11 बजे से 01 बजे तक चक्का जाम कर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेगी।

प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि हर समीक्षा बैठक के बाद कानून व्यवस्था ठीक किए जाने का दावा किया जाता है। जबकि राजधानी लखनऊ में सरेआम व्यापारी मारे जा रहे हैं और दिल्ली से सटे पश्चिमी उ0प्र0 में रोजाना लूट व डकैती की बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं। आज आदमी में भय और आतंक का वातावरण है। पूरे प्रदेश में अपराधी बेखौफ होकर संगीन वारदातों को अञ्जाम दे रहे हैं।

श्री पाठक ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था जर्जर हो गई है। प्रदेश में कई संगीन वारदातें घटित होने के बाद मुख्यमन्त्री को समीक्षा बैठक की याद आ जाती है। अधिकारियों को चेतावनी के बावजूद अपराध बढ़ रहे हेैं। अब तो आम आदमी को ज़िन्दा जलाकर मार देने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। मुजफ्फरनगर में महिला और महाराजगजं व फतेहपुर में लोगों को ज़िन्दा जलाकर मार देने की घटनाओं ने जनता को दहला दिया है। इन सब के बावजूद मुख्यमन्त्री कानून व्यवस्था ठीक होने का दावा करती हैं।

श्री पाठक ने आरोप लगाया कि मुख्यमन्त्री औचक निरीक्षण के नाम पर जनता को धोखा देना चाहती हैं। अच्छा होता मुख्यमन्त्री दौरा करने के बजाय अपने पूर्व के दौरों के उपलब्धियों और परिणामों के बारे में जनता को जानकारी देती। उन्होंने पूछा कि पिछले वषोZ में बन्द कमरे से शासन चलाने वाली मुख्यमन्त्री एक दौरा खत्म करने के बाद दूसरे दौरे की घोषणा कर क्या सन्देश देना चाहती हैं र्षोर्षो ऑंखिर मुख्यमन्त्री इतनी हड़बड़ी में क्यों है र्षोर्षो

श्री पाठक ने कहा कि हाल ही में मुख्यमन्त्री को प्रदेशव्यापी दौरों में विकास कार्यो में तमाम खामियॉं मिली। इसके अलावा जनहित से जुडे़ कई मसलों पर भी अधिकारी कटघरे में खड़े नज़र आये। लेकिन मुख्यमन्त्री ने दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई ठोस कार्रवाई न करते हुए स्थानान्तरण के नाम पर उन्हें बेहतर जगहों पर नियुक्तियॉं प्रदान की। मुख्यमन्त्री के इस आचरण में पूरी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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