राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि कल 14 मार्च, 2011 को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में पूर्वान्ह 11:30 बजे 1000-1200 कार्यकर्ता एवं नेतागण जुलूस के रूप में पैदल मार्च कर महामहिम श्री राज्यपाल को ज्ञापन देने हेतु राजभवन जाने के लिए कोई अनुमति इस कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा नहीं ली गई थी।
प्रवक्ता ने बताया कि जिला प्रशासन लखनऊ द्वारा आयोजकों को इस सम्बन्ध में समय-समय पर अवगत भी कराया गया था कि उनके प्रस्तावित पैदल मार्च की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद भी भाजपा के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में जुलूस निकालकर धारा 144 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा का उल्लघंन किया और उनको मना करने पर उग्र हुए।
प्रवक्ता ने बताया कि जुलूस में शामिल लोग उत्तेजनात्मक नारे लगाते हुए बैरिकेटिंग को गिराने व तोड़ने तथा उसके ऊपर से कूद कर जाने की कोशिश कर रहे थे। कानून-व्यवस्था व यातायात व्यवस्था सुचारू बनाये रखने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारे डाली गई, जिस पर कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उग्र रूप धारण करते हुए आने-जाने वाले नागरिकों के साथ अभद्र व्यवहार किया और मार्ग को अवरूद्ध कर पत्थरबाजी करने लगे।
प्रवक्ता ने बताया कि सामान्य जन जीवन व लोक सम्पत्ति की क्षति पहुंचाये जाने की सम्भावना को देखते हुए उपस्थित पुलिस बल द्वारा हल्का बल प्रयोग करते हुए जुलूस में शामिल उपद्रवी तत्वों को खदेड़ा गया और गिरफ्तारी गई। उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही के दौरान जुलूस में शामिल कुछ लोग आस-पास के भवनों में घुस गये तथा जुलूस में शामिल शरारती तत्वों द्वारा पुलिस बल पर पथराव भी किया गया, जिनको समझाने बुझाने व रोकने तथा गिरफ्तारी करने के लिए पुलिस बल कुछ भवनों के बाहरी परिसर में प्रवेश किया गया, किन्तु किसी भी पुलिस कर्मी द्वारा इन भवनों में बल पूर्वक प्रवेश या भवन स्वामी की मर्जी के खिलाफ उसके निजता के अधिकार का उल्लघंन नहीं किया गया तथा मात्र आवास की सहन से उपद्रवियों की गिरफ्तारी की कार्यवाही की गई। प्रवक्ता ने कहा कि इस सम्बन्ध में लखनऊ के सांसद मा0 लाल जी टण्डन द्वारा लगाये गये आरोप जिसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस बल द्वारा उनके घर में घुसकर फर्नीचर आदि की तोड़फोड़ की गई और अभद्र व्यवहार किया गया तथा उन्हें संसद जाने से रोका गया, जो पूरी तरह बेबुनियाद एवं निराधार है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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