समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव के आव्हान पर पूरे प्रदेश में 07, 08, तथा 09 मार्च, 2011 केा हुए आन्दोलन की तीव्रता एवं सफलता से बौखलाई प्रदेश की मायावती सरकार ने अहिंसक और निहत्थे कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज करने के साथ समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ जो दुव्र्यवहार किया उसका जनता के बीच पर्दाफाश करने के लिए 17 मार्च को “विरोध दिवस´´ मनाया जायेगा। जनान्दोलन के विस्तार में और मुख्यमन्त्री की चुनौती के जवाब में गॉव-गॉव में इस दिन प्रदशZन एवं सभाओं का आयोजन होगा।
प्रदेश की बसपा सरकार के चार सालों में जनता हर तरह से पिसी और पिटी है। बुनियादी जरूरतो तक के लिए लोग तरस रहे हैं। व्यापारी, वकील, छात्र, िशक्षक और नौजवान सभी त्रस्त हैं। महिलाओं की इज्जत भी सुरक्षित नहीं है। बलात्कार की िशकार बिच्चयॉ तक हो रही हैं। जनता की गाढ़ी कमाई पत्थरों और मुख्यमन्त्री की प्रतिमाओं पर फूंकी जा रही है। अल्पसंख्यकों को रोजी-रोटी से महरूम कर दिया गया है। इसके खिलाफ जब लोकतािन्त्रक तरीके से समाजवादी पार्टी ने आवाज उठाई तो उसके आन्दोलन को कुचलने के लिए ब्रिटिश राज से भी ज्यादा क्रूरता से बसपा सरकार के दलाल अधिकारी पेश आए। समाजवादी युवा नेताओं के साथ आन्तकवादी से ज्यादा बदतर सुलूक किया गया।
कोई भी सभ्य सरकार होती तो उसका सिर शर्म से झुक जाता, लेकिन प्रदेश की मुख्यमन्त्री ने अधिनायकशाही जताते हुये समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष को भी चेतावनी देने का दुस्साहस किया। श्री मुलायम सिंह यादव राश्ट्रीय स्तर के नेता हैं। उनके संघशZ का लम्बा इतिहास रहा है। समाजवादी पार्टी के सदस्योंं ने इस चुनौती को स्वीकार कर लिया है और अब 17 मार्च, 2011 को पूरे प्रदेश में इस किसान विरोधी, जनविरोधी, अत्याचारी, बलात्कारी तथा भ्रश्टाचारी सरकार के खिलाफ फिर जनता का आक्रोश प्रदिशZत करने के लिए आन्दोलन होगा।
समाजवादी आन्दोलन के प्रेरणाश्रोत डा0 राममनोहर लोहिया ने कहा था कि “जिन्दा कौमें पॉच साल इन्तजार नहीं करती´´। इस सरकार केे चन्द दिन ही बचे हैं। अन्याय और लूट की हद हो गई है। इसलिए समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का आव्हान है कि इस सड़ी गली सरकार को एक जोरदार धक्का और दिया जाय ताकि जनता को सरकारी आन्तक से छुटकारा मिल सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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