भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमन्त्री से नगर निकायों में अप्रत्यक्ष निर्वाचन सम्बन्धी विधेयक को तत्काल वापिस लेने की अपील करते हुए कहा कि राज्य की समूची जनता, नगरीय क्षेत्रों के शत प्रतिशत मतदाता और राज्य का सम्पूर्ण विपक्ष इसके विरोध में है। संविधान की भावना का विरोधी यह विधेयक किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा। प्रदेश प्रवक्ता सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने आज रविवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि अब भी समय है कि सरकार इसे वापिस ले वरना सरकार को पछताना पड़ेगा। भाजपा इस मामले में महामहिम राष्ट्रपति से गुहार कर चुकी है। श्री राज्यपाल को ज्ञापन दे चुकी है। 14 अप्रैल को पार्टी के सभी मेयर, अध्यक्ष व स्थानीय निकायों से जुड़े प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में राजभवन मार्च करेंगे।
श्री दीक्षित ने कहा कि भाजपा श्री राज्यपाल से भी मांग कर चुकी है कि इस विधेयक को स्वीकृति न प्रदान करें। यह विधेयक नगरीय क्षेत्र के मतदाताओं के मताधिकार पर डाका है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस प्रश्न पर राज्य के सभी नगर केन्द्रो, जिला केन्द्रो पर विरोध-प्रदर्शन कर चुकी है। पार्टी का आन्दोलन लगातार जारी रहेगा। पार्टी इस विधेयक को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेगी। श्री दीक्षित ने नगर निगम के पार्षदों का चुनाव भी दलीय आधार पर कराने की मांग की।
श्री दीक्षित ने जनआन्दोलन को पुलिस के बल पर दबाने व कुचलने की सरकारी कार्रवाई को अलोकतान्त्रिक बताया और कहा कि पुलिस के बल पर जनभावनाओं और जनअपेक्षाओं को नहीं कुचला जा सकता। बसपा सरकार जनता के बीच अलोकप्रिय हो गई है। पुलिस लाठी के बल पर तानाशाही चलाने की मुख्यमन्त्री की मंशा कामयाब नहीं होगी। जनता इसका बदला लेने को तैयार बैठी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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