शनिवार की सुबह 7:00 बजे स्मारकों और उद्यानों के शहर लखनऊ की सड़कों पर पुराने जमाने की बेशक़ीमती कारें जब एक साथ निकलीं तो एक अजब माहौल था पुरानी आन-बान और शान का। यह अपने ढंग का अनूठा विन्टेज रन था, जिसका शुभारम्भ 12 मार्च को गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन से सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन श्री अवनीश अवस्थी द्वारा फ्लैग ऑफ करके किया गया। इस अवसर पर विण्टेज कार एवं मोटर साइकिल क्लब, लखनऊ के अध्यक्ष राजा डी0एन0 सिंह, सचिव सन्दीप दास, वरिष्ठ शोध अधिकारी पर्यटन श्री आर0एस0 यादव, श्री व्रतशील शर्मा आदि उपस्थित थे। श्री अवस्थी ने बताया कि ´प्रोटेक्ट वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्ट द टाइगर´ के उद्देश्य से यह लखनऊ से कतरनियाघाट राष्ट्रीय उद्यान के मध्य 12 से 14 मार्च तक अपने ढंग का अनूठा ´कतरनियाघाट विन्टेज रन´ है। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग वन्य जीव विहारों के प्रचार-प्रसार के लिये विशेष रूप से बल प्रदान कर रहा है। ताकि देश-विदेश के पर्यटक यह जान सकें कि उत्तर प्रदेश वाइल्ड लाइफ की दृष्टि से भी अत्यन्त समृद्ध प्रदेश है।
विन्टेज एवं क्लासिक वाहन इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण थे। इस अभियान में श्री अब्बास आगा की 1957 की विलिस जीप, आशुतोष चौहान की 1947 की शेवरलेट, कैप्टन चौहान की 1942 की विलिस जीप, डॉ0 तरूण सहगल की 1947 की एम0जी0पी0सी0, शमीनन्दा की 1954 की फौक्स वैगन, श्री पी0पी0 सिंह की 1947 की फोर्ट परफेक्ट, श्री पी0एन0डी0 सिंह 1942 की जीप, श्री अखिलेश अग्रवाल की 1957 की स्टैन्डर्ड-10, श्री कैलाश श्रीवास्तव की 1947 की मौरिस-8 शामिल थीं। इन प्रतिभागियों के अतिरिक्त इस अभियान से प्रेरित होकर इंग्लैण्ड के श्री कोलिन भी इस यात्रा के सहयात्री बने। उन्होंने विशेष रूप से विण्टेज रन में भाग लिया।
यह विण्टेज रन लखनऊ से प्रारम्भ होकर सिधौली, सीतापुर, लखीमपुर, बाईपास होते हुये कतरनियाघाट पहुंचेगा। यह रन लगभग 250 कि0मी0 का है। दोपहर में इस विन्टेज रन के प्रतिभागी सीतापुर में विश्राम के लिये भी रूके। यहॉ उनका स्वागत वहॉ के छात्रों एवं नागरिकों द्वारा किया गया। तदुपरान्त रन आगे की यात्रा के लिये प्रस्थान कर गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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