बसपा सरकार के çालाफ तीन दिन चली सपा की जंग अाी ात्म नहीं हुई है। सपा के 1भ्0 से अधिक कार्यकर्ता अाी जेल में निरूद्ध हैं। इनसे मिलने के लिए आज सपा के प्रदेशाध्यक्ष अçालेश यादव आगरा आ सकते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन के ाी गुरूवार की शाम अलीगढ से आगरा आने की उमीद थी। वहीं पूर्व मन्त्री अरिदमन सिंह, वरिष्ठ नेता जितेन्द्र सिंह चौहान, प्रदेश सचिव रामसकल गुर्जर आदि जेल में बन्द सपाइयों को रिहा कराने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। मामले को लेकर सपा नेता डीएम से मिल सकते हैं या फिर आज से तहसील पर आन्दोलन का निर्णय लिया जा सकता है। सपा नेता कोशिश में हैं कि जेल में बन्द सपाइयों के बिना शर्त रिहाई हो। यदि आज अçालेश यादव आये तो सपाई फिर जोश दिाा सकते हैं और पुलिस के लिए मुश्किल ाडी हो सकती हैं।
सपा के तीन दिन के आन्दोलन पर यदि दृष्टि डालें तो सपाई बिना सेनापति के मैदान में जंग लडते नज़र आये। सपा कार्यकर्ताओं ने आन्दोलन से पूर्व रथयात्रा शुरू कर जनजागरण करने की कोशिश की। इसके दूसरे दिन पर्यवेक्षक सुाराम की आगवानी के इन्तजार में ाडे रथयात्रा के धुरन्धर गिरतार कर लिये गये। आन्दोलन के पहले दिन 99 लोगों को गिरतार कर लिया गया। दूसरे दिन करीब 36 लोग गिरतार हुये। आçारी दिन सैंकडों लोगों ने गिरतारिया¡ दीं और आçार में शाम को उन्हें रिहा कर दिया। दरअसल आन्दोलन से पूर्व सपा की न तो कोई बडी साा हुई और न बैठकों का दौर चला। यदि आन्दोलन से पहले साी नेता एक मंच पर आकर प्लानिंग करते तो आन्दोलन से पहले साी नेता एक मंच पर आकर प्लानिंग करते तो आन्दोलन का रूप ही दूसरा होता। जिले में हजारों की संया में सपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता हैं। साी जुटते तो आगरा की जेलें छोटी पड जातीं। पुलिस ने सपाइयों की çढलाई को इतनी चतुराई से इस्तेमाल किया कि उन्हें एकजुट नहीं होने दिया। यही कारण रहा कि आन्दोलन की सफलता की जो उमीद की जा रही थी, वह पूरी नहीं हुई। पुलिस चक्रव्यूह में फंसे सपाई ाुलकर हल्ला नहीं बोल पाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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