भारतीय जनतI पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम सांसद श्री कलराज मिश्रा जी आज राज्य सभा मे विशेष उल्लेख के माध्यम से किसानो की आत्महत्या पर गम्भीर चिन्ता जतायी. उन्होन्ने कहा कि केन्द्र सरकार की किसान के प्रति उपेक्षात्मक नीतियो के कारण आज भी किसान आत्महत्या करने को विवश है . विदर्भ, उत्तर प्रदेश (बुन्देल्खन्द) मे आज भी किसान द्वारा कर्ज के बोझ तले द्बकर आत्महत्या करने की घटनाये हो रही है, अकेले विदर्भ मे २०११ जनवरी से अब तक लगभघ ७०० किसानो ने आत्महत्या कर ली है तथा दर्ज़नो की सन्ख्या मे बुन्देल्खन्द मे भी किसान आत्महत्या को मजबूर हुए है. इस मे सरकारी बैको के कर्ज़ के साथ साथ निजि साहूकरो का कर्ज़ और क्रेडिट कार्ड का कर्ज़ मुख्य कारण है क्रेडिट कार्ड के बारे मे सही जानकारी ना होने के कारण उसको कम ब्याज़ के बज़ाय ज्यादा ब्याज़ चुकाना पड रहा है, उत्तर प्रदेश के ललित्पुर ज़िले मे वर्ष २०१० जिले मे ही २०१० मे १६३ किसानो ने आत्महत्या कर ली और आज भी उत्तर प्रदेश मे ६५% किसान साहुकारो से कर्ज़ लेने को मजबूर है तथा बैक भी बडे किसानो को ही कर्ज़ देने मे ज्याद रुचि लेते है इस सम्बन्ध मे सारन्गी समिति ने भी कइ सुझाव दिये है किन्तु उनपर अमल नही किया गया . ये सरकार के लिये चिन्ता का विषय होना चहीये कि जब विधर्भ के लिये अलग से इतना पैकिज़ घोषित करने के बाद भी किसान आत्महत्या कर रहा है , तो आखिर इसका कारण क्या है ?
कही न कही हमारी नीतियो का लाभ वास्तविक किसान तक नही पहुन्च रहा है और ये चिन्तनीय है .
सदन के माध्यम से सरकार से मांग करता हु कि किसानो के सम्बन्ध मे शीघ्र ही दीर्घकालीन नीतियां बनाये और उसका क्रियांन्वयन सुनिश्चित करे जिस से किसानो की आत्महत्या को रोका जा सके
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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