भारतीय जनता पार्टी ने आज चुनौती देते हुए कहा कि यदि बसपा सरकार में हिम्मत है तो वह दलीय आधार पर पुरानी प्रक्रिया के अनुसार स्थानीय निकाय के चुनाव सीधे जनता से करवाकर अपनी लोकप्रियता सिद्ध करे। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सत्तारूढ़ दल बसपा में नेैतिक साहस नहीं कि वह अपने चुनाव चिन्ह पर निकाय चुनावों का सामना कर सके। इसी से घबराकर बसपा सरकार ने निकाय चुनाव प्रक्रिया में संसोधन की साजिश रच लोकतन्त्र पर कब्जे का प्रयास किया है।
मुख्यमन्त्री द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों के सन्दर्भ में दिए गए वक्तव्य पर पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुख्यमन्त्री को यह नहीं भूलना चाहिए किृृृृृृ जब महापौर का निर्वाचन पार्षदों के माध्यम से होता था उस समय भी पार्षदों का चुनाव दलीय आधार पर ही होता था। यही नहीं नामित पार्षदों को कभी भी किसी मामले में मत देने का अधिकार नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि नामित पार्षदों को महापौर चुनाव में मताधिकार देने का प्रयास सीधे तौर पर बसपा सरकार द्वारा निकाय अध्यक्ष के पद पर कब्जे का प्रयास है।
श्री पाठक ने कहा कि संविधान के 74वें संशोधन की मूल भावना थी कि निकायों को अधिक से अधिक अधिकार मिलें और पार्षद व महापौर के चुनाव जनता से करवाकर लोकतन्त्र को मजबूत किया जा सके। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों में 74वें संशोधन के अनुरूप स्थानीय निकाय चुनाव प्रक्रिया में संशोधन कर पुरानी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से जनता से करवाने का कार्य किया जा रहा है। इसके उलट सत्तारूढ बसपा सरकार उ0प्र0 में पुरानी प्रक्रिया लागू कर अप्रत्यक्ष निर्वाचन के जरिए निकायों पर नीला झण्डा फहराने के लिए साजिश रच रही है।
एक प्रश्न के उत्तर में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि उ0प्र0 में सपा, बसपा की बदले की राजनीति ने प्रदेश को विकास की दौड़ में पछाड़ दिया है। सत्तारुढ़ दल बसपा के प्रशासनिक आतंकवाद ने राज्य के आम आदमी को झकझोर कर रख दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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