सिटी मोन्टेसरी स्कूल के हेल्थ एजुकेटर तथा भारतीय पोषण विशेषज्ञ डा0 अमिताभ पण्डित को उनकी नवीनतम पुस्तक `सुपरफुड्स - मेक योर चाइल्ड ए जीनियस´ के सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के गोरमन्ड वल्र्ड कुकबुक 2010 के न्यूट्रिशन फॉर चिल्ड्रेन अवार्ड से पेरिस में सम्मानित किया गया है। यह विश्व के सर्वश्रेष्ठ अवार्ड के रूप में जाना जाता है। पेरिस में आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय कुकबुक प्रतियोगिता में कुल 154 देशों के लेखकों ने हिस्सा लिया था। यह जानकारी सी0एम0एस0 के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता का दूसरा पुरस्कार इटली ने तथा तीसरा पुरस्कार यू0के0 व स्लोवेनिया ने जीता है। आयोजकों द्वारा डा0 पण्डित को इस पुस्तक की उप-लेखिका तथा आपकी माताजी श्रीमती मिन्नी पण्डित के साथ पेरिस के विख्यात प्राचीन फोलिस बर्जर ऑडीटोरियम में 3 मार्च 2011 को आमन्त्रित करके भव्य समारोह में पुरूस्कृत किया गया। डा0 पण्डित ने अपनी इस पुस्तक द्वारा संसार भर के बच्चों को सन्देश दिया है - पेट को भरना रोके - मस्तिष्क को ज्ञान से भरे।
श्री शर्मा ने बताया कि डा0 पण्डित हेल्थ एजुकेटर के रूप में सी0एम0एस0 के 40,000 छात्रों तथा उनके अभिभावकों को सीधे बेहतर स्वास्थ्य सम्बन्धी शिक्षा प्रदान कर रहे है। आप बच्चों को तेज मस्तिष्क, तीव्र स्मरण शक्ति, ओजस्वी और ऊर्जावान बनाये रखने के लिए खान-पान में बदलाव, वनस्पतियों तथा जड़ी-बुटियों के माध्यम से उपचार तथा मार्गदर्शन देते हैं। आपका मानना है कि अन्दर का बेहतर स्वास्थ्य ही बाहरी खुशियों का आधार है। अत: आन्तरिक रूप से स्वस्थ एवं सबल रहना जीवन की सफलता की पहली आवश्यक शर्त हैै। आपका उद्घोष है - प्रकृति के साथ जीयें। प्रकृति के अनुसार जीयें। प्रकृति के लिए जीयें। डा0 पण्डित सी0एम0एस0 के छात्रों उनके अभिभावकों तथा स्टॉफ को स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श देने के लिए सोमवार से शुक्रवार तक सी0एम0एस0 के गोमती नगर कैम्पस में सायं 6.00 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक उपलब्ध रहते हैं।
डा0 पण्डित ऑर्थोमालिक्यूलर विज्ञान तथा सूक्ष्म पौष्टिक तत्वों का प्रयोग करते हुए मानव शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक कार्य योजना बनाते हैं। यह भोज्य-योजनाएं जीवन को तरूणाई को बनाये रखने, उनको फिर से प्राप्त करने तथा जीवन शक्ति को विकसित करने की अकाट्य पद्धति है। आपका प्रबल विश्वास है कि वैज्ञानिक पोषण से केवल 50 दिन में शरीर, स्वास्थ्य और जीवन का नवोदय अब सम्भव है। आर्थोमलिक्यूलर विज्ञान इसी शर्त को पूरा करता है। डा0 पण्डित साईदास हिलिंग फाउण्डेशन के संस्थापक भी है।
डा0 पण्डित ने अपनी पुस्तक की इस अन्तर्राष्ट्रीय सफलता के लिए पुरस्कार समारोह में सी0एम0एस0 के संस्थापक-प्रबन्धक डा0 जगदीश गान्धी, पुरस्कृत पुस्तक के प्रकाशक बीजैन पब्लिशर्स तथा एडीटर डा0 गीता व डा0 गुरविन्द्र के प्रति भी अपना विशेष हादिZक आभार प्रकट किया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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