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मनरेगा के कार्यों का वृहद् तकनीकी आडिट होगा

Posted on 05 March 2011 by admin

commissioner-agra-amrit-abhijat-holding-monthly-divisional-meeting-of-developmental-workआडिट रिपोर्ट आगामी मण्डलीय बैठक में रखी जायेंगी
मण्डलायुक्त ने विकास कार्यों का शत प्रतिशत स्थलीय सत्यापन करने के दिये निर्देश

मण्डलायुक्त आगरा ने मण्डल के जनपदों में मनरेगा के अन्तर्गत किये गये विकास कार्यों का जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक तथा खण्ड विकास अधिकारी स्तर पर वृहद तकनीकी आडिट किये जाने के निर्देश दिये हैं। इस आडिट के अन्तर्गत पात्र लोगों को जॉबकार्ड दिये जाने तथा योजना के व्यय तथा उस से लाभािन्वत होने के सम्बंध में विस्तृत जांच की जायेंगी, जिसकी रिपोर्ट आगामी माह की मण्डलीय समीक्षा बैठक में प्रस्तुत की जायेंगी।

यह निर्देश आयुक्त आगरा अमृत अभिजात ने माह फरवरी, 2011 की विकास कार्यों की प्रगति पर आयोजित की गई मण्डलीय बैठक में दिये। माननीया मुख्यमन्त्री जी के विकास से सम्बंधित प्राथमिकता कार्यक्रम, जिला योजना व 20 सूत्रीय कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्पश्ट किया कि कार्यों की गुणवत्ता का हर स्तर पर स्थलीय सत्यापन हो। कमी पाये जाने पर अधीनस्थ तकनीकी स्टाफ पर भी कार्यवाही की जायें, जो उक्त कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार हों। बैठक में अवगत कराया गया कि डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के अन्तर्गत आगरा तथा मथुरा के अवशेश मार्गों का निर्माण 20 मार्च तक पूरा कर लिया जायें। लक्ष्य के अनुसार अन्य सभी सम्पर्क मार्ग तथा मजरों को आपस में जोड़ने की कार्यवाही पूरी कर ली गई हैं। आयुक्त ने निर्देश दिये कि मलपुरा में स्थलीय निरीक्षण तथा तकनीकी जांच के अनुसार कार्य की गुणवत्ता अत्यन्त खराब पायी गई हैं। सम्बंधित अधीक्षण अभियन्ता परियोजना निदेशक के साथ स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर जिम्मेदार कर्मियों के विरूद्ध आवश्यक दण्डात्मक कार्यवाही सुनििश्चत करायें।

चयनित डा0 अम्बेडकर ग्रामों व मजरों के अन्तर्गत विद्युतीकरण के सम्बंध में अवगत कराया गया कि सभी ग्रामोें में कार्य पूरा करा लिया गया है। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि विद्युतीकरण के कार्यों में विद्युत के तार बेतरतीब ढंग से लटके हुए नहीं होने चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि ग्रामों में विद्युत कनेक्शन लेने के लिए लोगों को पे्ररित करने की व्यापक रणनीति बनाई जायें।

उन्होंने डा0 अम्बेडकर ग्रामों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि ग्रामों में पानी की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था सुनििश्चत की जायें, तथा हर हैण्डपम्प को क्रमांकित किया जायें।

मा0 श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के अन्तर्गत आगरा में अवशेश आवंटियों को मकानों पर कब्जा दिये जाने के लिए उन्होंने 31 मार्च, 2011 की तिथि दी। उन्होंने स्पश्ट किया कि आगरा तथा मथुरा में यदि इस तिथि तक आवासों का शतप्रतिशत कब्जा प्रदान नहीं किया जाता हैं, तो सम्बंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेंगी।

बैठक में सावित्री फुले बाई बालिका िशक्षा मदद योजना के अन्तर्गत चििन्हत छात्राओं तथा उन्हें वितरित किये जाने वाली प्रोत्साहन रािश एवं साइकिलों की प्रगति की भी समीक्षा की गई, तथा निर्देश दिये गये कि मण्डल के जिस जनपद में इस मद में बजट आवंटन कम हुआ हों तो वह मुख्यालय से समन्वय कर वांछित बजट प्राप्त कर लक्ष्य की प्राप्ति करायें।

उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के सम्बंध में मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि जनपदों में पूर्व में चयनित किये गये लाभार्थियों की संख्या में कोई परिवर्तन वर्तमान में नही किया जाना चाहिए, यदि ऐसा किया जाता हैं, तो यह समझाा जायेगा कि पूर्व में चयनित लाभार्थियों की संख्या वास्तविक नहीं थी, तथा सम्बंधित जिम्मेदार कर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जायेंगी।

सरकारी चिकित्सकों, िशक्षकों तथा सफाई कर्मियों की उपस्थिति की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त को जानकारी दी गई कि मैनपुरी में 08 ऐसे चिकित्सकों के विरूद्ध बखाZस्तगी के नोटिस निर्गत किये गये हैं, जो विगत कई वशोZं से लगातार अनुपस्थित चल रहे हैं।

06 से 14 वशZ के बच्चों के स्कूल में नामांकन तथा आऊट आफ स्कूल बच्चों की संख्या को उन्होंने पुनरीक्षित करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभाग को िशक्षक-अभिभावक बैठकों को सक्रिय बनाना चाहिए, जिससे आऊट आफ स्कूल बच्चों की संख्या में कमी सम्भावित हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जानलेवा बीमारियों के विरूद्ध एक वशZ से कम आयु के टीकाकृत बच्चों के प्रकरणों में पाया गया हैं, कि बी0सी0जी0, डी0पी0टी0 तथा ओ0बी0सी0 टीकों की कमी हैं। इसके लिए उच्चाधिकारियों से समन्वय करने के निर्देश दिये गये।

ग्रामीण आवास निर्माण की विभिन्न योजनाओं के निर्माण की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि आंकडे प्रस्तुत करने से पूर्व शत प्रतिशत स्थलीय निरीक्षण अनिवार्य रूप से करा लिया जायें।

मण्डलायुक्त ने बताया कि आंगनबाडी केन्द्रों पर पंजीकरण तथा पोशाहार के मामलों में अनियमितता की िशकायत के लिए अपेै्रल, 2011 से विकास भवन में िशकायत दर्ज करा कर उस पर तत्काल अनुपालन आख्या उपलब्ध कराने की सुविधा आरम्भ की जायेंगी। इससे इन केन्द्रों व लाभार्थियों के सम्बंध में दिन प्रति दिन की िशकायतों का तत्काल निस्तारण कर उनकी मानीटरिंग की जा सकेगी।

तहसील दिवस में प्राप्त िशकायतों की निस्तारण की स्थिति पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस ओर गम्भीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। सत्यापन का कार्य विकेन्द्रीकृत कर अन्य विभागों को भी इस सत्यापन के कार्य में सम्मिलित किया जा सकता है। इसी प्रकार ग्राम्य विकास विभाग व्दारा चलायी जा रही स्वंय सहायता समूह योजना के क्रियान्वयन की गुणवत्ता पर भी मण्डलायुक्त ने प्रश्न चिन्ह लगाते हुए परियोजना निदेशक तथा मुख्य विकास अधिकारी को इस ओर अधिक ध्यान देने के निर्देश दिये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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