पहले प्रदेश सरकार के मन्त्री श्री नन्द गोपाल नन्दी और अब प्रदेश के कैबिनेट मन्त्री के चालक को गोली मारकर कार लूटने की घटना ने एक बार पुन: स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश में अपराध अपनी चरम सीमा पर है तथा सरकार इससे निपटने में अक्षम साबित हो रही है।
उत्तर प्रदेश में चाहे सत्ता पक्ष के विधायकों, उनके रिश्तेदारों तथा उनके गुर्गों द्वारा दिन-प्रतिदिन जिस तरह से अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और सरकार तथा प्रशासन इससे निपटने में अक्षम साबित हो रही है इससे ऐसा लगता है कि अपराधियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है। बसपा शासनकाल में जितनी भी आपराधिक घटनाएं हुई हैं उसमें सत्तारूढ़ दल के मन्त्री या विधायक संलिप्त रहे हैं या तो मन्त्री, विधायक अथवा उनके चालकों के साथ आपराधिक घटनाएं घटी हैं।
स्मरण रहे कि उ0प्र0 की बसपा सरकार मात्र कानून व्यवस्था के नाम पर लोगों का विश्वास हासिल कर सत्ता में आयी थी न कि किसी और उपलब्धि के आधार पर, लेकिन कांग्रेस ने बार-बार इस बात को जनता के सामने प्रदेश में हो रही सरकार संरक्षित अपराधिक घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है यह किसी भी सरकार के लिए कलंक की बात है।
कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि प्रदेश सरकार इस मामले में आम जनता को बताये कि आखिरकार उनकी पार्टी में कितने अपराधिक किस्म के राजनेता मौजूद हैं और वह किस हद तक निरंकुश हो गये हैं कि आम जनता के साथ-साथ राजनैतिक पार्टी के मुखिया के घर भी पुलिस के साथ मिलकर आग लगाने में कोई डर नहीं लगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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