भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने बसपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि जब प्रदेश के स्वास्थ्य मन्त्री के ड्राइवर की जान सुरक्षित नही है तो आम आदमी सुरक्षित कैसे रह सकता है। कानपुर नगर के हृदयस्थल पर रात्रि 12.30 बजे ड्राइवर के गोली मारकर कार लूट ले जाने की दुस्साहसिक घटना बसपा सरकार की ध्वस्त कानून व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है। प्रदेश भर में हत्या, लूट तथा बलात्कार की सैकड़ों घटनाएं घट रही हैं और बसपा सरकार की पूरी ताकत अपने विधायकों, सांसदों एवं मन्त्रियों के कारनामों को बचाने में लगा रही है। बदहाल कानून व्यवस्था के कारण अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं तथा वे दुस्साहहिक कारनामें कर रहे हैं। मुख्यमन्त्री की समीक्षा बैठकों में कुछ अधिकारियों के तबादलों से प्रदेश की कानून व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है। बसपा सरकार में इच्छा शक्ति का अभाव है तथा अपराधों के मूल में सरकार और सरकारी अधिकारियों की लूट है। इस लूट तन्त्र के कारण अपराधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। अधिकारी अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं और अपराधियों के लिए मैदान खाली है।
डा0 मिश्र ने प्रदेश की बसपा सरकार पर प्राथमिक शिक्षा को तहस-नहस करने तथा शिक्षकों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के प्राइमरी/जूनियर शिक्षकों का तरह-तरह से उत्पीड़न किया जा रहा है। शिक्षकों को नई नियुक्ति के बाद भी कई-कई महीनों तक वेतन नहीं दिया जा रहा है। वेतन के नाम पर वसूली की जा रही है। ग्रान्ट न होने का बहाना बनाया जा रहा है। प्रमाण पत्रों के सत्यापन में विभागों द्वारा जान बूझकर देरी की जाती है तथा ग्रान्ट लाने के नाम पर धन वसूला जा रहा है। डा0 मिश्र ने शिक्षकों के साथ अमानवीय वर्ताव करने के लिए प्रदेश की बसपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कई जनपदों में नये पुराने प्राथमिक एवं जूनियर शिक्षकों के वेतन रूके हुए हैं। एक ही जिले में कई-कई बार स्थानान्तरण किया जाता है तथा हर बार उचित समायोजन के नाम पर धन वसूली की जा रही है। डा0 मिश्र ने बताया कि महिला शिक्षिकाओं को प्रसूति अवकाश लेने पर धन देने की मांग की जाती है, मांग पूरी न होने पर तरह-तरह का उत्पीड़न किया जाता है।
डा0 मिश्र ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा बेहाल एवं बदहाल है। सरकार कान में तेल डालकर बैठी है तथा शिक्षक उत्पीड़ित किये जा रहे हैं। इसीतरह से उत्पीड़त शिक्षिका उमा यादव के पति ने आत्महत्या तक कर ली थी। इन नव नियुक्त शिक्षकों के ऊपर उधारी तक हो गई है तथा वे भुखमरी के कगार पर हैं। डा0 मिश्र ने कहा कि इन शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यटी गैर शिक्षण कार्यो में लगाई जाती है। अत: प्राइमरी/जूनियर शिक्षा बर्वाद हो रही है जिसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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